टैरिफ वॉर के बीच चीन ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ, अगले सप्ताह भारत आएंगे चीन के विदेश मंत्री... NSA डोभाल से होगी बात
चीनी विदेश मंत्री वांग यी के इस सप्ताह भारत दौरे पर आने की संभावना है, जहां वे NSA अजीत डोभाल से सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत वार्ता कर सकते हैं. यह पीएम मोदी के आगामी चीन दौरे से पहले हो रहा है, जिसमें वे SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. भारत-चीन के रिश्तों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, जैसे सीधी उड़ानों और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली.

Wang Yi visit India : चीन के विदेश मंत्री वांग यी इस सप्ताह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात के लिए भारत आ सकते हैं, यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दी गई थी. यह बैठक भारत-चीन सीमा विवाद पर ‘विशेष प्रतिनिधि तंत्र’ (Special Representative Mechanism) के तहत आयोजित की जा सकती है. इस बैठक को दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के समाधान की दिशा में एक और प्रयास माना जा रहा है.
PM मोदी का चीन दौरा और SCO शिखर सम्मेलन
SCO शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य वैश्विक नेताओं से होने की संभावना है.
संबंधों में धीरे-धीरे सुधार के संकेत
फिर शुरू हो सकती हैं सीधी उड़ानें
आपसी संबंधों में सुधार के संकेतों के बीच, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें अगले महीने से फिर से शुरू हो सकती हैं. जून 2025 में दोनों देशों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को दोबारा शुरू करने, वीज़ा प्रक्रिया को आसान बनाने और अंतरराष्ट्रीय नदियों से जुड़ा डेटा साझा करने पर सहमति जताई थी.
चीनी पर्यटकों के लिए शुरू हुई वीजा सेवा
पिछले महीने भारत स्थित चीनी दूतावास ने पुष्टि की थी कि भारत अब चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा जारी करेगा. यह फैसला द्विपक्षीय यात्राओं और आपसी संवाद को फिर से गति देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
बीजिंग में SCO बैठक में भागीदारी
जून में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की मंत्री स्तरीय बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीजिंग में भाग लिया. इस दौरान जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की और उन्हें भारत-चीन संबंधों में हालिया प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में दोनों देशों के नेतृत्व की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.


