JCB से गड्ढे खोदकर दफनाए जा रहे मुर्गे-मुर्गियां, चिकन-अंडे बैन...बर्ड फ्लू के कहर से UP के इन जिलों में मचा हड़कंप
बर्ड फ्लू के खतरे को काबू करने के लिए प्रशासन ने तेजी से कदम उठाए हैं. मृत पक्षियों को बड़े गड्ढों में दफनाया जा रहा है, और इन गड्ढों को चूने व विशेष रसायनों से ढककर वायरस के प्रसार को पूरी तरह रोकने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही, प्रभावित पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया गया है, ताकि यह संक्रमण और न फैले. यह सख्त कदम न केवल पक्षियों, बल्कि इंसानों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी हैं.

Bird Flu: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) का खतरा बढ़ता जा रहा है, और रामपुर इस महामारी का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. जिले के सीहोर गांव स्थित एक पोल्ट्री फार्म में एच5 वायरस के प्रकोप ने तबाही मचा दी है, जिससे अब तक करीब 15,000 मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो चुकी है. हालात इतने गंभीर हैं कि मृत पक्षियों को बड़े गड्ढों में डालकर दफनाया जा रहा है.
वहीं, प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए पूरे जिले में तीन हफ्ते के लिए चिकन और अंडे की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है. बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) और भोपाल की हाई-सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लेबोरेटरी (HSADL) में जांच के बाद नमूनों में खतरनाक एच5 वायरस की पुष्टि हुई है. इसके चलते प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह से सील कर दिया है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके.
दफनाए जा रहे मृत पक्षी
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मृत मुर्गों और मुर्गियों को गहरे गड्ढों में दफनाया जा रहा है. सुरक्षा मानकों के अनुसार, इन गड्ढों को चूने और रसायनों से ढकने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, ताकि वायरस का प्रसार पूरी तरह रोका जा सके.
जिला प्रशासन की निगरानी
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में प्रशासनिक टीमें लगातार हालात पर नजर रख रही हैं. जिला और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके. प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की अपील की है.
खतरे को देखते हुए CM का आदेश
बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर में चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों, राष्ट्रीय उद्यानों, वेटलैंड्स और गौशालाओं में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए हैं. उन्होंने नियमित सैनिटाइजेशन, पशु-पक्षियों की स्वास्थ्य जांच और स्टाफ को पीपीई किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, पोल्ट्री फार्मों की सघन निगरानी और पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर कड़ी पाबंदी लगाने पर जोर दिया गया है.


