Axiom Mission 4: कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला? ISS अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने गए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री
Axiom Mission 4: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom Mission 4 (Ax-4) के लिए पायलट के रूप में चुने गए हैं. वह 1984 के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगे. इससे पहले, उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया गया था.

Axiom Mission 4: भारतीय वायु सेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कदम रखने वाले देश के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्हें Axiom Mission 4 (Ax-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है, जिससे भारत को एक और बड़ी अंतरिक्ष सफलता मिलने जा रही है. इससे पहले, उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के गगनयान मिशन के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में भी नामित किया गया था.
Ax-4 मिशन की कमान नासा (NASA) की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के हाथों में होगी, जबकि पोलैंड से ESA परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू मिशन विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगे. इस मिशन के जरिए भारत, पोलैंड और हंगरी मानव अंतरिक्ष यात्रा में अपनी वापसी दर्ज कराएंगे.
Meet the #Ax4 crew.
🇺🇸 Commander Peggy Whitson
🇮🇳 Mission Pilot Shubhanshu Shukla of #India
🇵🇱 Mission Specialist Sławosz Uznański-Wiśniewski of ESA/#Poland
🇭🇺 Mission Specialist Tibor Kapu of #Hungary pic.twitter.com/Jjx8ERGqFf— Axiom Space (@Axiom_Space) January 30, 2025
IAF के अनुभवी पायलट शुभांशु शुक्ला का सफर
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र हैं और 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना की लड़ाकू विंग में शामिल हुए थे. एक अनुभवी परीक्षण पायलट के रूप में, उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित विभिन्न विमानों पर 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया है.
गगनयान मिशन के प्रमुख अंतरिक्ष यात्री
2019 में शुभांशु शुक्ला को ISRO से एक महत्वपूर्ण कॉल आया, जिसके बाद उन्होंने रूस के मॉस्को स्थित यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठोर प्रशिक्षण लिया. 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान मिशन गगनयान के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया. यह मिशन 2025 में लॉन्च किया जाएगा, जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री तीन दिनों तक 400 किमी की कक्षा में रहकर भारत की मानव अंतरिक्ष यान क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.
भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम
अगस्त 2024 में, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया. इस मिशन में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को बैकअप अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया गया है. Ax-4 मिशन के जरिए भारत को न केवल वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी भागीदारी बढ़ाने का अवसर मिलेगा, बल्कि भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष अभियानों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी.
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से बढ़ती प्रगति
पिछले एक साल में, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. ISRO ने गगनयान मिशन की तैयारी के तहत महत्वपूर्ण परीक्षण पूरे किए हैं और एक्सपोसैट, इनसैट-3डीएस जैसे उपग्रह मिशनों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है.
हाल ही में, 29 जनवरी 2025 को इसरो ने श्रीहरिकोटा से GSLV-F15 रॉकेट के जरिए NVS-02 उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो इसरो का 100वां प्रक्षेपण था.
इसके अलावा, भारत ने 2035 तक अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में नई क्रांति आएगी.


