बलूचिस्तान फिर दहला: बीएलए के हमले में 10 पाकिस्तानी सैनिक ढेर
Balochistan में BLA आतंकियों ने रिमोट-नियंत्रित विस्फोट से पाकि सेना के काफिले को निशाना बनाया. इस भीषण हमले में 10 सैनिकों की मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया.

इंटरनेशनल न्यूज. Pakistan के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा एक बार फिर गोलियों और धमाकों से कांप उठा. Baloch Liberation Army (बीएलए) ने शुक्रवार को एक बड़े हमले की जिम्मेदारी लेते हुए ऐलान किया कि उनके स्वतंत्रता सेनानियों ने रिमोट-नियंत्रित आईईडी से पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाया. इस हमले में 10 सैनिक मौके पर ही ढेर हो गए. बीएलए ने बयान जारी कर कहा, "यह कार्रवाई हमारी आजादी की लड़ाई का हिस्सा है और दुश्मनों के खिलाफ हमारा अभियान तेज़ी से जारी रहेगा." एएफपी के मुताबिक हमला क्वेटा से लगभग 30 किलोमीटर दूर मार्गाट चेकपोस्ट के पास हुआ.
रेलगाड़ी अपहरण की दहशत अब तक कायम
यह कोई पहला हमला नहीं है. बीएलए इससे पहले भी पाकिस्तान की नींव हिला चुका है. पिछले महीने बलूच लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया था. उस वक्त ट्रेन में करीब 450 यात्री सवार थे. बीएलए ने जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं और लापता नागरिकों की रिहाई की मांग की थी. इस घटना के बाद पाकिस्तानी सेना और बलूच लड़ाकों के बीच 48 घंटे तक भीषण लड़ाई चली. पाकिस्तानी सेना ने 33 लड़ाकों के मारे जाने और सभी बंधकों के सुरक्षित बचाव का दावा किया था, जबकि बलूच पक्ष ने 100 से अधिक सैनिकों को मौत के घाट उतारने का दावा ठोका था.
Baloch Liberation Army: आज़ादी की अनकही कहानी
बलूचिस्तान की धरती वर्षों से संघर्ष की आग में झुलस रही है. India-Pakistan विभाजन के बाद बलूच लोगों का मानना है कि उन्हें जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया. इसी पीड़ा ने बलूच लिबरेशन आर्मी को जन्म दिया. 1970 के दशक में खड़ा हुआ यह संगठन अब बलूचिस्तान की आजादी की सबसे प्रबल आवाज बन चुका है. BLA का साफ कहना है कि बलूचिस्तान के बेशकीमती खनिज और प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक बलूच जनता का है, न कि पाकिस्तान या चीन का. पाकिस्तानी सरकार ने 2007 में बीएलए को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया, लेकिन इसके बावजूद संगठन की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है.


