फिर दहला बलूचिस्तान...BLA ने सेना की गाड़ी को बनाया निशाना, एक अधिकारी समेत 7 जवानों की मौत
बलूचिस्तान में हुए हालिया आतंकी हमलों में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और पांच पुलिसकर्मी बंधक बना लिए गए. बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसने पहले भी विदेशी परियोजनाओं को निशाना बनाया है. आतंकियों ने जेल वैन रोककर कैदियों को रिहा किया और सरकारी इमारतों को जला दिया. यह क्षेत्र लंबे समय से अलगाववादी हिंसा से प्रभावित है. इन घटनाओं ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताओं को उजागर किया है.

बलूचिस्तान के बोलान क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की एक गाड़ी को निशाना बनाया गया. इस ब्लास्ट में एक अधिकारी समेत 6 सैनिक की मौत हो गई. यह हमला एक सड़क किनारे रखे गए विस्फोटक उपकरण के माध्यम से किया गया, जो एक सैन्य वाहन को निशाना बनाकर अंजाम दिया गया था. इस हमले ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां अलगाववादी गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.
जेल वैन पर हमला, पुलिसकर्मी बंधक
इस घटना से कुछ ही दिन पहले बलूचिस्तान में एक और बड़ा आतंकी हमला हुआ था. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, लगभग 30 से 40 सशस्त्र आतंकियों ने एक मुख्य राजमार्ग को ब्लॉक कर दिया और एक जेल वैन को रोक लिया, जो कैदियों को लेकर जा रही थी. हमलावरों ने कैदियों को रिहा कर दिया, लेकिन सुरक्षा में तैनात पांच पुलिस अधिकारियों को अगवा कर लिया. अभी तक इन पुलिसकर्मियों को छुड़ाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
सरकारी संपत्तियों पर हमला
हमलावरों ने इलाके में सिर्फ पुलिस वैन को ही निशाना नहीं बनाया, बल्कि कई सरकारी इमारतों और एक बैंक को भी आग के हवाले कर दिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए, लेकिन क्षेत्र में तनाव का माहौल बरकरार है.
बीएलए ने ली हमले की जिम्मेदारी
कलात जिले में हुए ताजा हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है, जो बलूचिस्तान में सक्रिय सबसे खतरनाक अलगाववादी समूहों में से एक माना जाता है. बीएलए खासतौर पर विदेशी निवेश और चीन समर्थित परियोजनाओं को निशाना बनाता रहा है. इससे पहले मार्च में भी बीएलए ने एक यात्री ट्रेन का अपहरण कर सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था.
बलूचिस्तान में लगातार हिंसा
बलूचिस्तान, जो अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से सटा हुआ खनिज-समृद्ध क्षेत्र है, पिछले कई वर्षों से अलगाववादी विद्रोह की चपेट में है. यहां आतंकी समूह अक्सर सुरक्षाबलों, सरकारी अधिकारियों और बाहरी राज्यों से आए नागरिकों को निशाना बनाते हैं. अप्रैल में क्वेटा में हुए एक और विस्फोट में चार सैनिक मारे गए थे, जिसमें एक सैन्य वाहन को निशाना बनाया गया था.
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
लगातार हो रही आतंकी घटनाएं पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर विफलता की ओर इशारा करती हैं. बलूचिस्तान में बढ़ती अस्थिरता न केवल देश की अखंडता के लिए चुनौती है, बल्कि विदेशी निवेश और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भी खतरा बनती जा रही है.


