ट्रंप को तगड़ा झटका! ग्रीनलैंड चुनाव में जीती वो पार्टी, जिसने कहा था- "हम बिकाऊ नहीं हैं"
ग्रीनलैंड के केंद्र-दक्षिणपंथी विपक्षी दल डेमोक्राटीट पार्टी ने संसदीय चुनावों में 29.9% वोट शेयर के साथ भारी जीत दर्ज की, जो 2021 में सिर्फ 9.1% था. इस जीत ने मौजूदा वामपंथी गठबंधन को सत्ता से बेदखल कर दिया. जेन्स फ्रेडरिक नीलसन के नेतृत्व वाली पार्टी ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप की ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा को सख्ती से खारिज किया था. नीलसन ने कहा कि ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है, और देश अपनी संप्रभुता व स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध है.

ग्रीनलैंड में हुए संसदीय चुनावों में डेमोक्राटीट पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस सेंटर-राइट विपक्षी पार्टी ने 29.9% वोट शेयर के साथ सत्ता में वापसी की, जो 2021 में महज 9.1% था. इस जीत को अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उनकी ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा को इस पार्टी ने पूरी तरह खारिज कर दिया था.
बता दें कि नीलसन एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. वो ट्रम्प के इस सुझाव के मुखर आलोचक रहे हैं कि अमेरिका ग्रीनलैंड को खरीद सकता है. उनकी पार्टी ने डेनमार्क साम्राज्य से क्रमिक स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया. इसकी विपक्षी पार्टी, नालेराक पार्टी, डेनमार्क से तुरंत अलग होने की वकालत करती है.
ग्रीनलैंड चुनाव में विपक्ष की जबरदस्त वापसी
डेमोक्राटीट पार्टी के नेता जेन्स फ्रेडरिक नीलसन, जो एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुके हैं, ने चुनाव प्रचार के दौरान ग्रीनलैंड की स्वतंत्रता पर जोर दिया. उनकी पार्टी धीरे-धीरे डेनमार्क से आजादी की वकालत करती रही है. दूसरी ओर, विपक्षी नालेराक पार्टी ग्रीनलैंड को तुरंत डेनमार्क से अलग करने के समर्थन में थी. ट्रंप की खरीदने की चाहत पर कड़ा जवाब इस जीत से कुछ हफ्ते पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनना चाहिए. उन्होंने पहले कार्यकाल के दौरान भी इस विचार को सामने रखा था. इस साल फिर उन्होंने दोहराया कि वॉशिंगटन ग्रीनलैंड को खरीदना चाहता है. ट्रंप के बयान पर नीलसन ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमें अपनी रक्षा खुद करनी होगी. मुझे उम्मीद है कि यह जीत ट्रंप को साफ संदेश देगी कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है."
"हम अमेरिकी नहीं बनना चाहते, हम ग्रीनलैंडर हैं!"
नीलसन ने आगे कहा, "हम अमेरिकी नहीं बनना चाहते, हम डेनिश भी नहीं बनना चाहते. हम ग्रीनलैंडर हैं और अपना देश खुद बनाना चाहते हैं. हमें ट्रंप की कोई मदद नहीं चाहिए." ग्रीनलैंड की जनता ने इस चुनाव में यह साबित कर दिया कि वे अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इस जीत से यह भी स्पष्ट हो गया कि ग्रीनलैंड की राजनीति में अब स्वतंत्रता की मांग और मजबूत होती जा रही है.


