अरबों डॉलर अमेरिका में आ रहे हैं...भारत समेत 70 देशों पर लागू हुआ ट्रंप का टैरिफ
अमेरिका ने भारत समेत 70 देशों पर पारस्परिक टैरिफ लागू कर दिए हैं. भारत पर कुल 50% शुल्क लगाया गया है, जिसमें 25% तत्काल और 25% अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लागू होगा. ट्रंप का दावा है कि इससे अमेरिका में अरबों डॉलर आएंगे. भारत के लिए यह आर्थिक और कूटनीतिक चुनौती बन सकती है.

US Imposed tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए पारस्परिक टैरिफ गुरुवार से आधिकारिक रूप से लागू हो गए हैं. इन टैरिफ का असर भारत समेत करीब 70 देशों पर पड़ेगा. भारत के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत का शुरुआती शुल्क और बाद में अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है. इससे भारत पर कुल मिलाकर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो जाएगा, जो किसी भी देश पर अब तक लगाए गए सबसे अधिक अमेरिकी शुल्कों में से एक है.
अरबों डॉलर अमेरिका आ रहे हैं
राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ लागू होने की घोषणा के साथ एक जोशीला बयान देते हुए कहा कि अब अमेरिका में अरबों डॉलर का राजस्व आएगा. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, "आधी रात हो गई है!!! अरबों डॉलर के टैरिफ अब अमेरिका में आ रहे हैं!" ट्रंप ने यह भी कहा कि यह टैरिफ उन देशों से लिया जाएगा जो वर्षों से अमेरिका का 'फायदा' उठाते आ रहे हैं. उन्होंने कट्टरपंथी वामपंथी अदालतों पर अमेरिका को अस्थिर करने का आरोप भी लगाया और अपने फैसले को राष्ट्र की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए सही ठहराया.
भारत पर लगे विशेष शुल्क
पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इसके साथ ही रूस से तेल खरीदने और खुले बाजार में मुनाफा कमाने के आरोपों को लेकर भारत पर एक और 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा. यानी भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लागू होगा.
70 देशों की सूची में कई एशियाई राष्ट्र शामिल
ट्रंप के कार्यकारी आदेश में 70 देशों पर विभिन्न टैरिफ दरें लागू की गई हैं. इन टैरिफ की सीमा 10 से 40 प्रतिशत के बीच है. इनमें ये देश शामिल हैं.
- जापान: 15%
- लाओस और म्यांमार: 40-40%
- पाकिस्तान: 19%
- श्रीलंका: 20%
- यूनाइटेड किंगडम: 10%
किन क्षेत्रों में होगा असर?
इस टैरिफ नीति का वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ सकता है. भारत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है क्योंकि उच्च टैरिफ का असर निर्यात, खासकर टेक्सटाइल, कृषि और फार्मा जैसे क्षेत्रों पर हो सकता है. अब यह देखना अहम होगा कि भारत सरकार इस परिस्थिति का कैसे जवाब देती है—क्या कूटनीतिक बातचीत होगी या व्यापारिक रणनीति में बदलाव किया जाएगा.


