पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैकर्स के निशाने पर चीन का ड्रीम प्रोजेक्ट, बलूचिस्तान के साथ भारत के लिए भी सिरदर्द

पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन के लड़ाकों ने ऐसे ही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक नहीं किया, बल्कि उनके निशाने पर चीन का ड्रीम प्रोजेक्ट सीपेक है. बीएलए का कहना है कि चीन CPEC प्रोजेक्ट के जरिए बलूचिस्तान में प्रभुत्व जमा रहा है. इस प्रोजेक्ट के सहारे चीनी नागरिकों को बलूचिस्तान में बसाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट बलूचिस्तान के साथ ही भारत के लिए भी बड़ी समस्या है.

चीन का सीपेक प्रोजेक्ट (CPEC) पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में लगातार विरोध का सामना कर रहा है. यह प्रोजेक्ट बलूच लिबरेशन आर्मी के निशाने पर है. हाल ही में बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर इस प्रोजेक्ट के विरोध में विद्रोहियों ने अपनी आवाज उठाई. ट्रेन पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही थी और हमलावरों ने यात्रियों को बंधक बना लिया. उनका कहना था कि बलूचिस्तान में चल रहे चीन के सीपेक प्रोजेक्ट को रोका जाना चाहिए. 

CPEC यानी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसे 2013 में 46 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत से शुरू किया गया था. बाद में 2017 तक इसकी लागत बढ़कर 62 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई. सीपेक के तहत ग्वादर से लेकर काशगर तक एक इकोनॉमिक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जो चीन को अरब सागर तक सीधे पहुंच प्रदान करेगा. इसके जरिए चीन पाकिस्तान में सड़कें, बंदरगाह, एयरपोर्ट, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रहा है.

2013 में पाकिस्तान में शुरू हुआ काम

सीपेक के लिए योजना 1950 से चल रही थी, और 2006 में ग्वादर पोर्ट के निर्माण के बाद यह और प्रगति पर था. 2013 में पाकिस्तान और चीन के बीच समझौतों के तहत इस परियोजना की शुरुआत हुई, जो पाकिस्तान की जीडीपी के 20% के बराबर थी. इस परियोजना में पाकिस्तान के लिए अनेक लाभ की उम्मीदें थीं, जैसे ग्वादर पोर्ट से चीन को माल ढुलाई में आसानी और समय की बचत.

लेकिन भारत ने इस परियोजना पर शुरू से विरोध जताया है, क्योंकि सीपेक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जो भारत के लिए विवादित क्षेत्र है. भारत का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन भारत को घेरने का प्रयास कर रहा है. साथ ही, भारत का कहना है कि चीन की विस्तारवादी नीति से यह क्षेत्र और विवादित हो जाएगा. 

बलूच के नागरिक सीपेक के खिलाफ

बलूचिस्तान में स्थानीय लोग भी सीपेक प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान अपनी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन चीन के माध्यम से कर रहा है, लेकिन स्थानीय जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. इसके अलावा, चीन के प्रोजेक्ट के बहाने बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों को बसाया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग और भी असंतुष्ट हो गए हैं. 

इस प्रोजेक्ट के चलते बलूच विद्रोहियों ने चीनी नागरिकों पर हमले भी किए हैं, जिससे सीपेक परियोजना की प्रगति में रुकावटें आ रही हैं.

calender
12 March 2025, 04:32 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो