चीन ने साधारण कार्गो जहाज को बना दिया मिसाइलों का जखीरा, दुनिया में मच गया हड़कंप!
चीन को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है. सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों के मुताबिक, चीन एक जहाज तैयार किया है, जिसका नाम है 'झोंग डा 79'.

हाल ही में चीनी सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें तेजी से वायरल हुई हैं, जिनमें एक सामान्य कार्गो जहाज को हथियारों से लैस किया गया दिख रहा है. यह जहाज अब मिसाइलों से भरा हुआ नजर आ रहा है, जिससे दुनिया भर में सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ गई है. क्या चीन अपनी नौसेना की ताकत को छिपे तरीके से बढ़ा रहा है?
जहाज का नाम और संशोधन
यह जहाज 'झोंग डा 79' नाम का एक मध्यम आकार का कंटेनर जहाज है. शंघाई के एक शिपयार्ड में यह अप्रैल से अगस्त 2025 तक मरम्मत के नाम पर संशोधित किया गया. अब इसके डेक पर कई कंटेनर लगे हैं, जो वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) से सुसज्जित हैं.
अनुमान है कि इनमें लगभग 60 बड़े लॉन्च सेल हैं, जहां हर कंटेनर में चार ट्यूब हो सकती हैं. इनसे एंटी-शिप, क्रूज या एयर डिफेंस मिसाइलें दागी जा सकती हैं. यह क्षमता अमेरिकी नौसेना के बड़े डिस्ट्रॉयर की मिसाइल ताकत का काफी हिस्सा है.
Chinese Cargo Ship Converted Into Concealable Missile Destroyer https://t.co/jxCzyXyhxR
— zerohedge (@zerohedge) December 27, 2025
चीन की रडार और रक्षा प्रणालियां
जहाज के आगे वाले हिस्से में बड़ा रोटेटिंग रडार लगा है, जो दुश्मन को ट्रैक करने में सक्षम है. इसके अलावा एक क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) भी फिट किया गया है, जो 30 एमएम की तेज गन से दुश्मन की मिसाइलों या ड्रोनों को रोक सकता है. नीचे डिकॉय लॉन्चर हैं, जो झूठे लक्ष्य बनाकर दुश्मन को गुमराह करते हैं. ये सारी सुविधाएं इसे एक सामान्य जहाज से युद्धपोत जैसा बना देती हैं.
चीन की रणनीति
चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल शिपिंग फ्लीट है. अगर ऐसे जहाजों को हथियारों से लैस किया जाए, तो युद्ध के समय ये सामान्य ट्रैफिक में छिपकर अचानक हमला कर सकते हैं. इसे 'आर्सेनल शिप' की संज्ञा दी जा रही है, जहां सस्ते प्लेटफॉर्म पर ढेर सारी मिसाइलें रखी जाती हैं.
पहले भी चीन ने अपने व्यावसायिक जहाजों को सैन्य अभ्यास में इस्तेमाल किया है, जैसे हेलीकॉप्टर कैरियर या द्वीप हमले के लिए. विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है.
क्या यह जंग में होगा इस्तेमाल ?
हालांकि कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि कंटेनरों पर लिखे मजाकिया संदेशों से लगता है कि यह सिर्फ एक मॉडल या प्रदर्शन हो सकता है, न कि पूरी तरह तैयार युद्धपोत. फिर भी, रडार और हथियारों की फिटिंग असली लग रही है.
क्या यह वास्तव में जंग में इस्तेमाल होगा? अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत व्यावसायिक जहाजों को हथियारबंद करना कितना उचित है? ये सवाल अभी बाकी हैं और आने वाले समय में इस पर ज्यादा चर्चा होगी.


