श्रीलंका में चक्रवात दित्वा ने मचाई भारी तबाही, अब तक 123 लोगों की मौत, हजारों लोग बेघर
श्रीलंका में चक्रवात दित्वा से भारी बारिश और बाढ़ के कारण 123 लोगों की मौत और 130 से अधिक लापता हैं. हजारों लोग बेघर हुए, केलानी नदी उफान पर है. भारत ने मदद भेजी है, जबकि हालात 2016 से भी बदतर होने की आशंका है.

नई दिल्लीः श्रीलंका इन दिनों चक्रवात दित्वा के कारण आई भीषण बारिश और बाढ़ से जूझ रहा है. देश के आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) के अनुसार, अब तक 123 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 130 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं. लगातार कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने कई इलाकों में हालात बेहद खराब कर दिए हैं.
हजारों लोग बेघर
आपदा प्रबंधन केंद्र के महानिदेशक संपत कोटुवेगोडा ने जानकारी दी कि राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है. उन्होंने बताया कि बारिश और बाढ़ से अब तक 43,995 लोग अपने घर खो चुके हैं, जिनको देशभर में बनाए गए सरकारी राहत शिविरों में भेजा गया है. उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
चक्रवात भारत की ओर बढ़ा
डीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि चक्रवात का केंद्र धीरे-धीरे भारत की ओर बढ़ रहा है, लेकिन उससे पहले ही श्रीलंका के कई हिस्सों में भारी तबाही हो चुकी है. सोमवार से ही मौसम खराब होना शुरू हो गया था और बुधवार को चक्रवात के टकराते ही पूरे श्रीलंका में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई.
केलानी नदी उफान पर
शनिवार को स्थिति तब और गंभीर हो गई जब राजधानी कोलंबो से होकर बहने वाली केलानी नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ गया. अधिकारियों ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को तुरंत स्थान खाली करने के निर्देश दिए. शुक्रवार शाम नदी के उफान पर आने के बाद सैकड़ों लोगों को अस्थायी आश्रयों में पहुंचाया गया.
उत्तरी भागों में अभी भी बारिश जारी
जहाँ कई हिस्सों में बारिश कम हुई है, वहीं द्वीप के उत्तरी इलाकों में चक्रवात का प्रभाव अब भी बना हुआ है. इन क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण राहत कार्य में और भी मुश्किलें आ रही हैं.
भारत से त्वरित सहायता
मुसीबत की इस घड़ी में भारत ने श्रीलंका की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है. अधिकारियों के अनुसार, शनिवार तड़के भारत ने एक विमान के जरिए राहत सामग्री भेजी, जिसमें खाद्य पदार्थ, दवाइयां और जरूरी सामान शामिल थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में हुए जनहानि पर संवेदना व्यक्त की और कहा कि भारत ज़रूरत पड़े तो अतिरिक्त सहायता भेजने को भी तैयार है.
सेना तैनात, हेलीकॉप्टर और नावों से राहत अभियान
श्रीलंकाई सरकार ने प्रभावित इलाकों में तेज़ी से राहत अभियान चलाने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी तरह तैनात कर दिया है. सेना के हेलीकॉप्टर और नावें उन इलाकों में पहुंचाई गई हैं, जहां सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गए हैं और लोग घरों में फंसे हुए हैं.
2016 से भी बदतर हालात की आशंका
डीएमसी ने चेतावनी दी है कि बाढ़ की स्थिति 2016 से भी अधिक गंभीर हो सकती है, जब देश में भारी बारिश से 71 लोगों की मौत हो गई थी. इस सप्ताह मौसम से जुड़ी मौतों का यह आंकड़ा पिछले साल जून के बाद सबसे अधिक है, जब 26 नागरिकों की जान गई थी.
अतीत में भी कर चुका है भारी तबाही
श्रीलंका में सबसे भयंकर बाढ़ जून 2003 में आई थी, जिसमें 254 लोगों की मौत हुई थी. वर्तमान स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश और बढ़ी तो नुकसान इससे भी बड़ा हो सकता है.


