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दास्तान-ए-आसिम मुनीर: 'हार के आगे प्रमोशन है... पाकिस्तान में कुछ भी हो सकता है!'

पाकिस्तान की फौज में बड़ा ड्रामा हो रहा है. सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर को अचानक फील्ड मार्शल बना दिया गया है, जिससे हंगामा मचा हुआ है. ये पदवी सिर्फ सम्मान नहीं बल्कि बड़ी राजनीतिक और फौजी सियासत का हिस्सा है. क्या इससे पाकिस्तान की फौज और ज्यादा ताकतवर हो जाएगी? क्या इतिहास फिर से खुद को दोहराएगा? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें

Aprajita
Edited By: Aprajita

Dastaan-e-Asim Munir: पाकिस्तान ने जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया, लेकिन यह कदम बढ़ा सकता है इलाके की स्थिति को और बिगाड़ने वाला तड़का!

पाकिस्तान ने अपने सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का तख्ता सौंप दिया है. यह पद पाकिस्तान की फौज में बहुत ही खास माना जाता है और अब तक सिर्फ दो लोगों को ही यह मिला है. ऐसे में इस प्रमोशन ने सबकी नजरें अपनी तरफ खींच ली हैं. लेकिन यह बढ़ावा सिर्फ सम्मान की बात नहीं बल्कि पाकिस्तान की अंदरूनी फौजी राजनीति का भी बड़ा संकेत है.

क्यों मिली यह खास पदवी?

आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनने का मौका मिला है क्योंकि पाकिस्तान की फौज और सरकार के बीच चल रहे तनाव को कम करना जरूरी था. अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के हमला होने के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर कहा गया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकियों और ठिकानों को कड़ी चोट पहुंचाई. पाकिस्तान की फौज को इसके बाद काफी आलोचना झेलनी पड़ी और असंतोष फैल गया. ऐसे में सरकार ने मुनीर को बड़ा पद देकर माहौल को शांत करने की कोशिश की है.

इतिहास की परछाई: क्या दोहराई जाएगी तख्ता पलट की कहानी?

पाकिस्तान का इतिहास कई बार फौजी तख्ता पलट की कहानी से भरा है. 1958 में जनरल अयूब खान ने सत्ता हथिया ली थी, फिर 1977 में जिया-उल-हक ने, और 1999 में परवेज मुशर्रफ ने. सभी ने प्रधानमंत्री को हटाकर खुद को ताकतवर बना लिया था. अब सवाल उठता है कि क्या आसिम मुनीर भी इसी राह पर चलेंगे?

इमरान खान का कटाक्ष और राजनीतिक हलचल

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस निर्णय पर अपनी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि ‘मुनीर को राजा घोषित कर देना चाहिए’. उनका कहना है कि पाकिस्तान की असली ताकत फौज है और सरकार सिर्फ उसकी कठपुतली है. यह बयान पाकिस्तान के अंदर की राजनीति और फौज के बीच जटिल रिश्तों को बयां करता है.

क्या आगे बढ़ेगा तनाव?

आसिम मुनीर का फील्ड मार्शल बनना दक्षिण एशिया के लिए चिंता की बात है. भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनाव भरा माहौल है, और यह कदम और तनाव बढ़ाने वाला साबित हो सकता है. फौज की बढ़ती शक्ति और सरकार पर उसका प्रभुत्व पाकिस्तान में लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है.

पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा मोड़ हो सकता है. इतिहास बताता है कि जब फौज को ज्यादा ताकत मिलती है, तो राजनीतिक स्थिरता खत्म हो जाती है. आसिम मुनीर की नई जिम्मेदारी से क्या पाकिस्तान फिर से फौजी शासन की ओर बढ़ेगा, या लोकतंत्र मजबूत होगा, यह समय ही बताएगा.

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24 May 2025, 11:46 AM IST

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