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सावधान ! तय अवधि से ज्यादा न रुकें... US ने भारतीय वीजा धारकों को दी कड़ी चेतावनी

अमेरिका ने वीज़ा धारकों को अपने अधिकृत प्रवास समय का सम्मान करने की सख्त चेतावनी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी, हालांकि, भारत ने इसे अपनी राष्ट्रीय जरूरत बताया. इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोप की आलोचना को अनुचित बताया. सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने H1-B वीज़ा और भारत की नीतियों पर विवादित टिप्पणी की है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

अमेरिका में रह रहे भारतीय वीज़ा धारकों के लिए एक अहम चेतावनी जारी की गई है. भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक सख्त संदेश में सभी वीज़ा होल्डर्स से कहा है कि वे अपने वीज़ा की शर्तों और अधिकृत प्रवास अवधि का पूरी तरह पालन करें. दूतावास ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने I-94 दस्तावेज़ में दिए गए "Admit Until Date" से अधिक समय तक अमेरिका में रहता है, तो इसका परिणाम वीज़ा रद्द होने, देश से निकाले जाने (डिपोर्टेशन) और भविष्य में वीज़ा के लिए अयोग्यता के रूप में सामने आ सकता है.



खत्म हो सकती है भविष्य की संभावनाएं 
अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर कहा, "आपका वीज़ा सिर्फ उतनी अवधि के लिए वैध है जितनी अवधि की अनुमति दी गई है. नियमों का उल्लंघन करने से भविष्य में अमेरिका में यात्रा, पढ़ाई या काम करने की संभावनाएं हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं."

H1-B वीजा और भारत को बनाया निशाना
अमेरिका में जॉर्जिया राज्य से रिपब्लिकन सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने एक विवादास्पद बयान देते हुए भारत को और खास तौर पर H1-B वीजा प्रोग्राम को निशाने पर लिया. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अमेरिका में भारतीय H1-B वीजा धारक अमेरिकी नौकरियां छीन रहे हैं और यह सिलसिला बंद होना चाहिए. उन्होंने साथ ही अमेरिका द्वारा यूक्रेन को भेजे जा रहे फंड और हथियारों पर भी नाराजगी जताई. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारत को लेकर कठोर रुख अपनाया है.

भारत रूसी तेल से मुनाफा कमा रहा है
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को खुद एक पोस्ट करते हुए कहा कि भारत मना करने के बावजूद बड़े पैमाने पर रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है और उसे खुले बाजार में ऊँचे दामों पर बेचकर भारी मात्रा में मुनाफा कमा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने भारत पर यह भी आरोप लगाया कि उसे यूक्रेन में चल रहे युद्ध की कोई भी परवाह नहीं है, वो सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे की सोच रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में आगे लिखा, मैं आने वाले दिनों में भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाने वाला हूं. ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि यह रूस से तेल खरीदकर उसे बाजार में बेचकर मुनाफा कमाने का नतीजा है.
 

ऊर्जा नीति में विदेशी दखल मंजूर नहीं
ट्रंप और अन्य अमेरिकी नेताओं के बयानों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को साफ कहा कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह उसकी राष्ट्रीय जरूरतों और जनता के हितों पर आधारित है. मंत्रालय ने कहा कि रूस से तेल खरीदना भारत के लिए एक आवश्यकता है, न कि कोई राजनीतिक कदम. यह कदम भारत के उपभोक्ताओं को सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा मुहैया कराने के लिए लिया गया है.

भारत की आलोचना अनुचित और अनुयायिक
MEA ने कहा कि भारत की नीतियों की आलोचना करना ना केवल अनुचित है बल्कि उसमें किसी प्रकार की वास्तविकता भी नहीं है. मंत्रालय के अनुसार, भारत को इस तरह के दबावों में नहीं आना चाहिए और वह अपनी आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक फैसले लेना जारी रखेगा. MEA ने यह भी जोड़ा कि कई पश्चिमी देश खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, इसलिए भारत को उपदेश देना दोहरे मापदंड दिखाता है.

US की चेतावनी के बावजूद स्थिति स्पष्ट
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि अमेरिका और खास तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में, भारत के रूस से संबंधों को लेकर असंतोष बढ़ रहा है. परंतु भारत ने यह भी उतनी ही स्पष्टता से कह दिया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक हितों से कोई समझौता नहीं करेगा.

अमेरिकी वीजा नीति की सख्ती और नेताओं की टिप्पणियाँ दोनों ही संकेत देते हैं कि भारत-अमेरिका रिश्तों में कुछ तनाव उभर रहा है, लेकिन भारत ने हर बार संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता को सर्वोपरि रखा है.

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05 August 2025, 04:37 PM IST

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