टैरिफ की धमकियों पर बोला रूस, BRICS हमारे साथ खड़ा... मिलकर देंगे जवाब
रूस ने ट्रंप प्रशासन पर वैश्विक दक्षिण देशों पर नवउपनिवेशवादी नीति अपनाने और राजनीतिक दबाव डालने का आरोप लगाया है. मारिया ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका अपने वर्चस्व के खत्म होने को स्वीकार नहीं कर पा रहा. भारत ने भी ट्रंप द्वारा तेल व्यापार पर लगाए गए आरोपों को खारिज किया. रूस ने BRICS के साथ सहयोग बढ़ाने और स्वतंत्र वैश्विक व्यवस्था के समर्थन की बात कही है.

रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासनिक नीतियों की कड़ी आलोचना की है और उन पर वैश्विक दक्षिण (Global South) देशों के खिलाफ "नवउपनिवेशवादी" (Neocolonial) नीति अपनाने का आरोप लगाया है. रूस का कहना है कि अमेरिका वैश्विक मंच पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए राजनीतिक दबाव और आर्थिक प्रतिबंधों का सहारा ले रहा है.
अमेरिका की एकतरफा नीति पर रूस की आपत्ति
🎙 Russian MFA Spokeswoman Maria #Zakharova:
Washington is unable to accept the erosion of its dominance in an emerging multipolar international order.
❗️ No tariff wars or sanctions can halt the natural course of history. https://t.co/EU2NKETj7y pic.twitter.com/SYJtlpcaib— MFA Russia 🇷🇺 (@mfa_russia) August 4, 2025
नए टैरिफ के बाद आया रूस का बयान
रूस की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर नए और कड़े टैरिफ (import शुल्क) लगाने की घोषणा की है. ज़खारोवा ने इसे अन्य देशों की संप्रभुता (national sovereignty) पर सीधा हमला और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया.
प्रतिबंधों को बताया "इतिहास की दुखद सच्चाई"
उन्होंने कहा, "प्रतिबंध और आर्थिक दबाव आज के ऐतिहासिक दौर की एक दुखद सच्चाई बन चुके हैं. अमेरिका अपनी वैश्विक प्रधानता (hegemony) के समाप्त होने को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. यही कारण है कि वह राजनीतिक मकसद से प्रेरित आर्थिक दबाव बना रहा है."
ब्रिक्स देशों से सहयोग बढ़ाने का इरादा
रूस ने कहा कि वह ब्रिक्स (BRICS) जैसे साझेदारों के साथ सहयोग को और मजबूत करेगा. ब्रिक्स में अब ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और 2025 में शामिल हुआ इंडोनेशिया भी शामिल हैं. ज़खारोवा ने कहा, "इतिहास की प्राकृतिक दिशा को कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध नहीं रोक सकते. हमारे साथ कई साझेदार और समान विचारधारा वाले देश हैं जो इस नज़रिए को साझा करते हैं."
US की नीति से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान
रूस ने अमेरिका की नीतियों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक बताया. ज़खारोवा ने कहा कि इस तरह की नीतियाँ वैश्विक विकास में रुकावट, सप्लाई चेन में अवरोध और आर्थिक विघटन को जन्म देती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि "एक तरफ पश्चिमी देश फ्री ट्रेड (मुक्त व्यापार) की वकालत करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वे खुद राजनीतिक कारणों से संरक्षणवाद (protectionism) और मनमाने टैरिफ बढ़ा रहे हैं."
ट्रंप की टिप्पणी और भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि वह भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भारी टैरिफ लगाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदकर उसे खुले बाज़ार में अधिक मुनाफे पर बेच रहा है.
भारत ने दिया सख्त जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, तब अमेरिका ने ही भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था. "हमारी खरीददारी वैश्विक स्थिति की मजबूरी है. जिन देशों ने हम पर उंगली उठाई है, वे खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं – और वो भी तब जब उनके लिए यह व्यापार कोई अनिवार्यता नहीं है."
रूस और भारत दोनों ने अमेरिका की नीतियों का कड़ा विरोध किया है. जहां रूस वैश्विक शक्ति संतुलन को बहुपक्षीय बनाने की बात कर रहा है, वहीं भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की दोहरी नीति पर सवाल उठाए हैं. ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार और कूटनीति में तनाव और बढ़ा दिया है.


