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डॉक्टर हो या इंजीनियर सभी छोड़ रहे पाकिस्तान! आसिम मुनीर के ब्रेन गेन के दावे का उड़ा मजाक

पाकिस्तान में आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के कारण बड़े पैमाने पर कुशल पेशेवर देश छोड़ रहे हैं. पिछले दो वर्षों में हजारों डॉक्टर, इंजीनियर और अकाउंटेंट विदेश चले गए हैं. सरकार और सेना प्रमुख के “ब्रेन गेन” जैसे दावों के उलट, आंकड़े गंभीर ब्रेन ड्रेन दर्शाते हैं, जिससे स्वास्थ्य, तकनीकी और आर्थिक ढांचे पर गहरा असर पड़ रहा है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : पाकिस्तान इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर “टैलेंट एक्सोडस” यानी प्रतिभा पलायन के दौर से गुजर रहा है. बिगड़ती अर्थव्यवस्था और लगातार राजनीतिक अस्थिरता के कारण बड़ी संख्या में डॉक्टर, इंजीनियर और अकाउंटेंट देश छोड़कर विदेश जा रहे हैं. हाल ही में जारी एक सरकारी रिपोर्ट ने इस संकट की वास्तविक तस्वीर सामने रखी है.

दो साल में हजारों पेशेवर देश छोड़ चुके

आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 महीनों में पाकिस्तान से लगभग 5,000 डॉक्टर, 11,000 इंजीनियर और 13,000 अकाउंटेंट विदेश चले गए हैं. यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य और तकनीकी क्षेत्रों के लिए चिंताजनक है, बल्कि देश की आर्थिक और संस्थागत क्षमता को भी कमजोर कर रही है.

“ब्रेन ड्रेन” बनाम “ब्रेन गेन” की बहस
इन आंकड़ों के सामने आने के बाद पाकिस्तान में सरकार और सेना प्रमुख असीम मुनीर के बयानों की आलोचना तेज़ हो गई है. असीम मुनीर ने हाल ही में विदेश में बसे पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए इस पलायन को “ब्रेन ड्रेन” की बजाय “ब्रेन गेन” बताया था. लेकिन ज़मीनी हकीकत उनके दावे के विपरीत दिखाई दे रही है, जिस पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं.

सरकारी रिपोर्ट ने खोली पोल
पूर्व सीनेटर मुस्तफा नवाज़ खोखर ने इन आंकड़ों को साझा करते हुए कहा कि पाकिस्तान की राजनीति सुधरे बिना अर्थव्यवस्था ठीक नहीं हो सकती. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फ्रीलांसिंग हब है, लेकिन इंटरनेट शटडाउन के कारण 1.62 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और लाखों नौकरियाँ खतरे में पड़ गई हैं.

प्रवासन के आंकड़े कर रहे हैं चिंता बढ़ाने का काम
पाकिस्तान के ब्यूरो ऑफ एमिग्रेशन एंड ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट के अनुसार, वर्ष 2024 में 7.27 लाख से अधिक लोगों ने विदेश रोजगार के लिए पंजीकरण कराया. वहीं 2025 में नवंबर तक यह संख्या लगभग 6.87 लाख तक पहुँच चुकी है. यह संकेत देता है कि विदेश जाने की प्रवृत्ति लगातार बनी हुई है.

स्वास्थ्य क्षेत्र पर सबसे गहरा असर
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सबसे अधिक प्रभावित हुई है. 2011 से 2024 के बीच नर्सों के पलायन में 2,000 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. यह रुझान इस वर्ष भी जारी रहा है, जिससे पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर दबाव पड़ रहा है.

एयरपोर्ट पर सख्ती और विदेशों से निर्वासन 
बढ़ते पलायन और अवैध गतिविधियों की आशंका के चलते सरकार ने एयरपोर्ट पर सख्ती बढ़ा दी है. वर्ष 2025 में 66,000 से अधिक यात्रियों को यात्रा से रोका गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है. इसके अलावा, कई पाकिस्तानियों को खाड़ी देशों और अन्य स्थानों से अवैध प्रवासन और भीख मांगने के आरोप में वापस भेजा गया है.

सोशल मीडिया पर सेना प्रमुख की आलोचना
डॉक्टरों और इंजीनियरों के बड़े पैमाने पर देश छोड़ने की खबरों के बाद सोशल मीडिया पर असीम मुनीर के “ब्रेन गेन” वाले बयान का मज़ाक उड़ाया जा रहा है. कई यूज़र्स ने इसे वास्तविकता से कटे हुए नेतृत्व का उदाहरण बताया.

अवसरों की कमी को बताया असली वजह
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई से जुड़े नेताओं और समर्थकों ने कहा कि प्रतिभा पलायन का कारण साफ है—न उद्योग, न शोध के अवसर और न ही रोज़गार. उनका कहना है कि केवल सख्ती से लोगों को रोका नहीं जा सकता, बल्कि देश में अवसर पैदा करने होंगे.

बयानबाजी और हकीकत के बीच बढ़ती खाई
कुल मिलाकर, पाकिस्तान न सिर्फ कुशल पेशेवरों की कमी से जूझ रहा है, बल्कि नेतृत्व की बयानबाज़ी और ज़मीनी सच्चाई के बीच की खाई भी लगातार गहरी होती जा रही है. यह स्थिति आने वाले समय में देश के विकास के लिए और बड़ी चुनौती बन सकती है.

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27 December 2025, 01:03 PM IST

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