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37 साल की लहूलुहान सरहद पर ट्रंप का आखिरी वार… और अचानक थम गई गोलियों की गूंज! 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच 37 साल से जारी खूनी संघर्ष को खत्म कर दिया। व्हाइट हाउस में दोनों देशों ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International news:  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई हफ्तों से आर्मेनिया और अज़रबैजान के नेताओं से बातचीत कर रहे थे। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में उनकी मुलाकात ऐतिहासिक साबित हुई। यहां दोनों देशों ने आधिकारिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह युद्ध नागोर्नो-काराबाख के विवाद को लेकर 1980 के दशक से चल रहा था, जिसमें हजारों लोग मारे गए।

समझौते के अहम बिंदु

व्हाइट हाउस में हुए समझौते में साफ किया गया कि दोनों देश अब एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे। सीमा विवादों को बातचीत से सुलझाया जाएगा और आर्थिक रिश्तों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस समझौते से न सिर्फ दोनों देशों में अमन लौटेगा, बल्कि व्यापार और पर्यटन भी बढ़ेगा।

ट्रंप की तारीफ में दोनों नेता

अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने ट्रंप को धन्यवाद दिया। अलीयेव ने कहा, “अगर राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला, तो किसे मिलना चाहिए?” दोनों नेताओं का मानना है कि यह समझौता दशकों की दुश्मनी को खत्म कर नई दोस्ती की शुरुआत करेगा।

पहले भी रुकवाई कई जंगें

ट्रंप ने दावा किया कि अपने कार्यकाल में वे 6 देशों के बीच जंग रुकवा चुके हैं। इनमें भारत-पाकिस्तान, इज़राइल-ईरान, थाईलैंड-कंबोडिया, रवांडा-कांगो, सर्बिया-कोसोवो और मिस्र-इथियोपिया विवाद शामिल हैं। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध में उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है।

संघर्ष का धार्मिक पहलू

नागोर्नो-काराबाख विवाद में धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेद भी शामिल हैं। आर्मेनिया की आबादी ईसाई है, जबकि अज़रबैजान में मुस्लिम बहुमत है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं। यही वजह है कि यह विवाद इतने लंबे समय तक चलता रहा।

लोगों में खुशी की लहर

समझौते के बाद दोनों देशों में जश्न का माहौल है। वर्षों से युद्ध झेल रहे लोग अब शांति और सुरक्षित जिंदगी की उम्मीद कर रहे हैं। बाजारों में रौनक लौटने लगी है और सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों की तैनाती घटाई जा रही है। लोग मानते हैं कि यह दिन उनके लिए एक नया सवेरा लेकर आया है।

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09 August 2025, 07:28 AM IST

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