US-कनाडा के बीच फिर बढ़ा तनाव, एक विज्ञापन को लेकर ट्रंप ने रद्द की सभी व्यापारिक बातचीत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के साथ सभी व्यापार वार्ताएं समाप्त कर दी हैं, ओटावा पर विवादित विज्ञापन का आरोप लगाते हुए. इससे पहले कनाडा पर टैरिफ लागू किया गया था, जबकि USMCA समझौते के तहत कुछ छूट मिली. इस कदम से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है.

US tariffs on Canada: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने कनाडा के साथ सभी व्यापार वार्ताएं समाप्त कर दी हैं. ट्रंप ने ओटावा पर आरोप लगाया कि उसने एक कपटपूर्ण विज्ञापन प्रसारित किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को टैरिफ के खिलाफ बोलते हुए दिखाया गया.ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “उनके घृणित व्यवहार के आधार पर, कनाडा के साथ सभी व्यापारिक वार्ताएं समाप्त की जाती हैं.” यह कदम दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापारिक तनाव को और बढ़ा सकता है. यह घोषणा व्हाइट हाउस में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ हालिया बैठक के कुछ ही हफ्तों बाद आई है.
कनाडा पर पहले लगाए गए टैरिफ
ट्रंप ने इससे पहले कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 35 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था. इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र-विशेष टैरिफ की घोषणा भी की थी, जिसमें धातुओं पर 50 प्रतिशत और ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत का शुल्क शामिल था. यह कदम अमेरिका की घरेलू उद्योगों की रक्षा और ट्रेड घाटे को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया था.
यूएसएमसीए के तहत छूट
हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत आने वाले सामान को इन टैरिफ से छूट दी गई थी. यह समझौता ट्रम्प के पहले कार्यकाल में हुआ था और इसमें विशेष तौर पर उन वस्तुओं को शामिल किया गया था जिनकी व्यापारिक प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए शुल्कों से मुक्त रखा गया.
व्यापारिक तनाव
ट्रंप का यह कदम कनाडा-अमेरिका व्यापार संबंधों में नई चुनौतियां पैदा कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे न केवल दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक गतिशीलता प्रभावित होगी, बल्कि उद्योग और निर्यातकों के लिए भी गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं.ट्रंप की इस घोषणा के बाद, अमेरिका और कनाडा के बीच आर्थिक वार्ताओं और समझौतों पर सवाल उठना स्वाभाविक है. यदि कनाडा इस मुद्दे को गंभीरता से न सुलझाए, तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक झगड़े लंबे समय तक बने रह सकते हैं.


