गाजा पट्टी खाली कराने का 'ट्रंप प्लान', इन दो अरब देशों को फिलिस्तीनियों को शरण देने की दी सलाह
बढ़ते सियासत के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने फलस्तीनी लोगों के लिए गाजा से स्थानांतरण का सुझाव दिया है, जिससे उनके बीच चिंता उत्पन्न हुई है कि उन्हें उनकी मातृभूमि से बाहर किया जा सकता है. फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए स्वतंत्र फलस्तीन की स्थापना के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

Donald Trump Gaza Plan: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति के समाधान के लिए जॉर्डन और मिस्र को फिलिस्तीनियों को शरण देने का सुझाव दिया है. ट्रंप ने कहा, ''गाजा लगभग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. हम अरब देशों के साथ मिलकर फिलिस्तीनियों के लिए किसी अन्य स्थान पर आवास बनाना चाहते हैं, जहां वे शांति से रह सकें.'' ट्रंप ने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से इस मुद्दे पर बातचीत की और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से चर्चा की योजना बनाई.
इजरायल ने जताई सहमति
आपको बता दें कि इजरायल के दूर-दराज वित्त मंत्री बेज़ेलेल स्मोट्रिच ने ट्रंप के इस सुझाव का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ''गाजा के लोगों को बेहतर जीवन देने के लिए अन्य स्थान खोजने का विचार सराहनीय है. यह शांति और सुरक्षा का समाधान निकालने का एक अलग दृष्टिकोण हो सकता है.''
फिलिस्तीनी समूहों का विरोध
वहीं आपको बता दें कि ट्रंप के इस बयान के बाद फिलिस्तीनी समूहों ने कड़ा विरोध जताया। इस्लामिक जिहाद ने इसे ''युद्ध अपराधों को प्रोत्साहित करने वाला प्रस्ताव'' बताया. वहीं हमास के एक वरिष्ठ नेता बासेम नईम ने कहा, ''हमारे लोग दशकों से ऐसी परियोजनाओं को नाकाम करते आए हैं और इस बार भी ऐसा ही होगा.''
गाजा की स्थिति
बताते चले कि गाजा के अधिकतर लोग फिलिस्तीनी शरणार्थी या उनके वंशज हैं. इन्हें हटाने का कोई भी प्रयास अरब जगत के लिए 1948 की 'नकबा' (विनाश) की भयावह यादें ताजा कर सकता है. गाजा पर इजरायल के हालिया हमले में 47,000 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि हजारों लोग विस्थापित हो गए.
संघर्ष की पृष्ठभूमि
इसके अलावा आपको बता दें कि यह हिंसा 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए. इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर व्यापक सैन्य कार्रवाई की. युद्ध विराम के बाद दोनों पक्षों ने बंदियों की अदला-बदली की, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है.


