फर्जी दावे, दिखावे की जीत...भारत से मार खाने के बाद नहीं बदला पाकिस्तान का चरित्र, आर्मी चीफ आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने इसे 'निंदनीय आक्रमण' कहा और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी. भारत ने आतंकवादी ठिकानों पर ही हमला किया और नागरिक हताहतों से इनकार किया. भारतीय सेना ने ‘आकाशतीर’ प्रणाली से पाकिस्तानी ड्रोन व मिसाइलों को मार गिराया. डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम की मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन कश्मीर पर असहमति के चलते शांति संभव नहीं हो सकी. विश्लेषकों के अनुसार, दोनों देशों के बीच फिर युद्ध की आशंका बनी हुई है.

पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने अपने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया है. यह पाकिस्तान सेना का सर्वोच्च सैन्य रैंक है, जिसे अब तक केवल जनरल मुहम्मद आयूब खान को ही प्रदान किया गया था. आसिम मुनीर की यह पदोन्नति उनकी सैन्य सेवा और पाकिस्तान की सुरक्षा में उनके योगदान को मान्यता देती है.
भारत की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में यह बदलाव उस समय हुआ है जब भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत एयर स्ट्राइक की. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के प्रतिशोध में किया गया था. भारत ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. इस कार्रवाई में लगभग 150 आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के सदस्य शामिल थे.
पाकिस्तान ने भारत की इस कार्रवाई को 'निंदनीय आक्रमण' करार दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाकर इस पर चर्चा की. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान इस हमले का 'मजबूत जवाब' देगा. हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत की कार्रवाई में आठ नागरिकों की मौत हुई है, जिसे भारत ने खारिज कर दिया है. भारत ने अपने हमलों को आतंकवादी ठिकानों तक सीमित रखा और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया.
भारत की सैन्य तैयारियां
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक तैयारी स्पष्ट रूप से दिखी. भारतीय सेना ने अपने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम 'आकाशतीर' का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान द्वारा भेजे गए ड्रोन और मिसाइलों को 100% सफलता दर के साथ नष्ट किया. इसके अलावा, भारतीय सेना ने यह स्पष्ट किया कि वह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में हमला करने की क्षमता रखती है, चाहे वह रावलपिंडी हो या खैबर पख्तूनख्वा.
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और संघर्ष विराम
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम की मध्यस्थता की पेशकश की. हालांकि, दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और कश्मीर मुद्दे पर असहमति के कारण यह संघर्ष विराम स्थायी शांति की ओर नहीं बढ़ सका. विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच फिर से युद्ध की संभावना बनी हुई है.