FBI ने वीज़ा धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 2 पाकिस्तानी नागरिकों को किया गिरफ्तार, जानें कितनी हो सकती है सजा
अमेरिका की एफबीआई ने टेक्सास से दो पाकिस्तानी मूल के व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जो फर्जी वीजा आवेदन के ज़रिए अमेरिकी आव्रजन प्रणाली का दुरुपयोग कर रहे थे. अब्दुल हादी मुर्शिद और मुहम्मद सलमान नासिर पर वीजा धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, और RICO एक्ट के तहत संगठित आपराधिक साजिश के आरोप हैं. वे कानून फर्मों के साथ मिलकर वीजा चाहने वालों के लिए झूठे आवेदन दाखिल करते थे. दोषी पाए जाने पर उन्हें 20 साल तक की जेल हो सकती है.

संघीय जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने शुक्रवार को एक अंतरराष्ट्रीय वीजा धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए टेक्सास राज्य के दो निवासियों को गिरफ्तार किया. आरोपी अब्दुल हादी मुर्शिद (39) और मुहम्मद सलमान नासिर (35) पाकिस्तान के रहने वाले हैं. इन पर अमेरिका की आव्रजन प्रणाली को धोखे से फायदा पहुंचाने का आरोप है.
अमेरिका में अवैध प्रवेश की साजिश
एफबीआई डलास शाखा और अन्य संघीय एजेंसियों की संयुक्त जांच के बाद यह गिरफ्तारी हुई. दोनों आरोपियों पर गंभीर संघीय अपराध दर्ज किए गए हैं जिनमें अमेरिका को धोखा देने की साजिश, वीजा धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश और रैकेटियरिंग प्रभावित और भ्रष्ट संगठन अधिनियम (RICO Act) के तहत साजिश शामिल हैं.
US नागरिकता हासिल करने की भी थी कोशिश
टेक्सास के उत्तरी जिले के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी चाड ई. मेचम ने इन आरोपों की जानकारी दी. उनके अनुसार, मुर्शिद और नासिर ने अवैध रूप से अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने का भी प्रयास किया था.
वकीलों के साथ मिलकर किया गया फर्जीवाड़ा
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, आरोपियों ने दो विधि फर्मों - डी रॉबर्ट जोन्स PLLC और रिलायबल वेंचर्स इंक के साथ मिलकर यह फर्जी वीजा घोटाला अंजाम दिया. योजना का उद्देश्य वित्तीय लाभ कमाना था, जिसके लिए उन्होंने सैकड़ों झूठे वीजा आवेदन दाखिल किए.
'वीज़ा चाहने वालों' को बनाया गया निशाना
एफबीआई का दावा है कि यह गिरोह उन गैर-अमेरिकी नागरिकों की ओर से झूठे दस्तावेज जमा करता था जिन्हें अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करना होता था. इन लोगों को अभियोग में "वीज़ा चाहने वाले" कहा गया है. गिरोह उन्हें नकली जानकारी के माध्यम से वैध वीजा दिलाने का वादा करता था.
काश पटेल ने FBI की टीम को सराहा
एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने इस कार्रवाई को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “@FBIDallas की ओर से बड़ी गिरफ्तारियां. अब्दुल हादी मुर्शिद और मुहम्मद सलमान नासिर – दो ऐसे लोग जिन्होंने फर्जी वीजा आवेदन बेचकर अमेरिकी कानूनों की अनदेखी की. हमारी जांच टीम और सहयोगी एजेंसियों को इस सफलता पर बधाई.”
20 साल तक की हो सकती है सजा
अगर अदालत में दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया, तो उन्हें संघीय जेल में अधिकतम 20 वर्षों तक की सजा हो सकती है. मामले की जांच अभी जारी है, और यह भी देखा जा रहा है कि इस गिरोह से और कितने लोग जुड़े थे.
अमेरिकी आव्रजन प्रणाली पर गंभीर सवाल
यह मामला केवल एक आपराधिक गिरोह की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि इससे अमेरिका की आव्रजन प्रणाली की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के घोटाले देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकते हैं.


