भारत के डर से पाक PM खुद उतरे मैदान में, एक ही दिन में तीन देशों से लगाई गुहार
भारत की बढ़ती कार्रवाई से पाकिस्तान में डर का माहौल है. परिस्थिति को देखते हुए पाक पीएम ने अब खुद मोर्चा संभाल लिया है. इस संबंध में आज उन्होंने तीन प्रमुख मुस्लिम देशों कुवैत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के राजदूतों से मुलाकात की.

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सख्त बयान, जिसमें उन्होंने आतंकियों को “पाताल से भी निकालकर खत्म करने” की बात कही और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा “चुन-चुनकर सफाया” करने की चेतावनी के बाद पाकिस्तान में खौफ का माहौल है. इसी डर के चलते पाकिस्तान ने नियंत्रण वाले कश्मीर (PoK) में 10 दिनों के लिए मदरसों को बंद कर दिया है. नागरिकों को दो महीने का राशन जमा करने और बच्चों को आपातकाल से निपटने की ट्रेनिंग देने का आदेश भी जारी कर दिया गया है.
पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई का डर
पाकिस्तान को आशंका है कि भारत सैन्य कार्रवाई कर सकता है. इसी आशंका के चलते पाक सरकार ने मुस्लिम देशों और चीन से गुहार लगाई है कि वे भारत पर दबाव बनाएं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री सहित कई नेता अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को सिंधु जल संधि रद्द न करने और हमले से बचने के लिए अपील कर चुके हैं, लेकिन अब तक चीन के सिवा किसी बड़े देश ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद कूटनीतिक मोर्चा संभाल लिया है. शुक्रवार को उन्होंने पाकिस्तान में तीन प्रमुख मुस्लिम देशों कुवैत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के राजदूतों से मुलाकात की. शरीफ ने इन देशों से भारत पर दबाव बनाने की अपील की कि वह पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी सैन्य कार्रवाई न करे.
भारत-पाक तनाव
प्रधानमंत्री शरीफ ने कुवैत के राजदूत नासिर अब्दुलरहमान जस्सर से बातचीत में भारत-पाक तनाव और संभावित खतरे पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान ने पहले ही 90,000 से अधिक नागरिक खोए हैं और 152 अरब डॉलर से ज्यादा का आर्थिक नुकसान झेला है. शरीफ ने कहा कि वे देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.


