भारत को छोड़िए, इन दो राज्यों के बराबर भी नहीं है पाकिस्तान की जीडीपी, आंतक को पनाह देने वाले देश का ये हश्र
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत ने सैन्य के साथ आर्थिक क्षेत्र में भी पाकिस्तान पर अपनी बढ़त साबित की है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे भारतीय राज्यों से भी पीछे है. जहां भारत के ये राज्य औद्योगिक विकास में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं पाकिस्तान IMF पर निर्भर बना हुआ है. भारत ने IMF की नीतियों और पाकिस्तान की नाकामी पर सवाल भी उठाए हैं.

भारत द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' और उसके बाद की जवाबी कार्रवाइयों ने दुनिया को स्पष्ट संकेत दिया है कि भारत, सैन्य दृष्टिकोण से पाकिस्तान पर कितना भारी है. इस अभियान ने भारत की रक्षा क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत किया. अब जब सैन्य स्तर पर भारत ने बढ़त हासिल कर ली है, तो आर्थिक मोर्चे पर भी अपनी स्थिति मजबूत दिखाने का समय आ गया है.
पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था की तुलना भारतीय राज्यों से
आंकड़ों में पीछे है पाकिस्तान
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आज भी कई भारतीय राज्यों से छोटी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की वर्तमान जीडीपी लगभग 338 से 373 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच है. वहीं, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे भारतीय राज्य इससे कहीं आगे निकल चुके हैं.
महाराष्ट्र और तमिलनाडु की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं
2004-05 में महाराष्ट्र की जीडीपी 92 बिलियन डॉलर थी, जो अब बढ़कर 490 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. इसी अवधि में तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था भी 48 बिलियन डॉलर से उछलकर 329 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. ये दोनों राज्य अब पाकिस्तान के बराबर या उससे भी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बन चुके हैं.
महाराष्ट्र का योगदान
महाराष्ट्र ने औद्योगिकीकरण, व्यापारिक उदारीकरण, और मजबूत बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया है. इसकी GSDP अब 42.67 लाख करोड़ रुपये यानी लगभग 490 बिलियन डॉलर है.
तमिलनाडु की प्रगति
तमिलनाडु की GSDP 31.55 लाख करोड़ रुपये है, जो लगभग 329 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है. राज्य का ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और वस्त्र उद्योग इसका प्रमुख आधार बना हुआ है.
आईएमएफ बेलआउट के सहारे पाकिस्तान
पाकिस्तान लगातार आईएमएफ की सहायता पर निर्भर रहा है. हाल ही में IMF ने उसे 1 बिलियन डॉलर की किस्त जारी की है और 1.3 बिलियन डॉलर की नई 'रिज़िलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी' पर विचार कर रहा है.
भारत का सवाल: असफलता की जड़ कहां है?
भारत ने यह सवाल उठाया है कि बार-बार आईएमएफ के कार्यक्रमों का असफल होना क्या इसकी योजना प्रक्रिया की कमजोरी है या फिर पाकिस्तान की नीतिगत अक्षमता का परिणाम है. भारत का यह बयान स्पष्ट करता है कि वह सिर्फ सैन्य ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूत स्थिति में है.


