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मक्खी से लेकर कछुआ तक – जानिए वो जानवर जो कर आए हैं Space यात्रा

अंतरिक्ष की यात्रा केवल इंसानों तक सीमित नहीं रही है. कई जानवर भी स्पेस की सैर कर चुके हैं. मक्खियों से लेकर कुत्ते, बंदर, चूहे, कछुए, बिल्ली और मकड़ियों तक को वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में भेजा ताकि उनके शारीरिक और मानसिक प्रभावों का अध्ययन किया जा सके.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

अंतरिक्ष की यात्रा केवल इंसानों तक सीमित नहीं रही है. वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में जीवित प्राणियों के व्यवहार, शारीरिक प्रतिक्रिया और जीवविज्ञान पर प्रभावों का अध्ययन करने के लिए कई तरह के जानवरों को भी अंतरिक्ष में भेजा है. इस प्रयोग का उद्देश्य यह था कि अंतरिक्ष के वातावरण – जैसे शून्य गुरुत्वाकर्षण, विकिरण और अलग-अलग तापमान – का जीवित प्राणियों पर क्या असर पड़ता है, यह समझा जा सके.

20 फरवरी, 1947 को सबसे पहले फलों पर लगने वाली सामान्य मक्खियों को अंतरिक्ष में भेजा गया था. इन्हें एक अमेरिकी रॉकेट में बैठाकर भेजा गया और वे जीवित वापस लौट आईं. यह प्रयोग काफी सफल रहा और इसके बाद वैज्ञानिकों ने अन्य जानवरों को भी अंतरिक्ष में भेजने का निर्णय लिया.

पहली बार कौन गया था अंतरिक्ष में?

14 जून, 1949 को ‘एल्बर्ट’ नामक दो बंदरों को अंतरिक्ष की सैर करवाई गई. इन बंदरों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था ताकि वे अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार हो सकें. हालांकि उस समय की तकनीक इतनी उन्नत नहीं थी, लेकिन यह एक बड़ा कदम था.

चूहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया

1950 में चूहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया. चूहे प्रयोगों के लिए वैज्ञानिकों की पसंद होते हैं क्योंकि उनका जैविक व्यवहार इंसानों से कुछ हद तक मिलता-जुलता है. वैज्ञानिकों ने देखा कि अंतरिक्ष की स्थिति में इनकी गतिविधियों और शारीरिक बदलावों में क्या फर्क आता है.

1957 में सोवियत संघ ने एक कुत्ते को अंतरिक्ष में भेजा. यह कुत्ता एक आवारा जानवर था, जिसे सड़क से उठाकर अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार किया गया था. उसका नाम था लाइका. यह पहला स्तनधारी जीव था जिसे पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया. हालांकि लाइका ज़िंदा वापस नहीं आ सकी, लेकिन इस मिशन ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया अध्याय जोड़ा.

इन 7 जानवरों ने भी रच दिया इतिहास!

1968 में रूस ने दो कछुओं को चंद्रमा की दिशा में भेजा. इन कछुओं पर अंतरिक्ष के दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन किया गया. यह मिशन भी सफल रहा और कछुए सुरक्षित वापस लौट आए. 1970 में नासा ने एक खास प्रकार के मेंढ़क, बर्टिंग फ्रॉग ओलोटिथ को अंतरिक्ष में भेजा. इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में वेस्टिब्यूलर सिस्टम (संतुलन बनाए रखने वाला शरीर का हिस्सा) के व्यवहार को समझना था.

जब जानवरों ने किया अंतरिक्ष का सफर

1973 में दो मकड़ियों – अनीता और अरबेला – को अंतरिक्ष में भेजा गया ताकि यह देखा जा सके कि वे शून्य गुरुत्वाकर्षण में जाले कैसे बुनती हैं. यह प्रयोग रोचक और सफल साबित हुआ. 1963 में फ्रांस ने एक बिल्ली को भी अंतरिक्ष में भेजा था. इस अनोखे मिशन का उद्देश्य यह समझना था कि मस्तिष्क की तरंगें अंतरिक्ष में किस प्रकार बदलती हैं. यह प्रयोग भी एक नया अनुभव लेकर आया.

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13 May 2025, 02:46 PM IST

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