रातभर इजरायली बमबारी में उजड़ी गाज़ा, 45 शवों में बदल गए सपने
गाज़ा में इजरायली सेना के लगातार रातभर हवाई हमलों ने भारी तबाही मचा दी। इस हमले में 45 लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और एक नवजात शिशु भी शामिल हैं। गाज़ा की हालत बेहद नाजुक है.

इंटरनेशनल न्यूज. गाज़ा पट्टी एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गई है. गाज़ा प्रशासन का दावा है कि इजरायल ने रातभर और सुबह के वक्त कई हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में महिलाएं और एक हफ्ते का नवजात बच्चा भी शामिल है. इन हमलों की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुकी है और हालात पर चिंता जताई जा रही है. गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय, जो हमास के नियंत्रण में है, उसका कहना है कि 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए संघर्ष में अब तक 53,500 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है या वे लापता हैं. इन आंकड़ों की स्वतंत्र पुष्टि संभव नहीं है, लेकिन तस्वीरें और रिपोर्ट्स इस त्रासदी की भयावहता को बयान कर रही हैं.
इजरायल ने दी सफाई, हमास को ठहराया जिम्मेदार
इजरायल का कहना है कि वह नागरिक हताहतों से बचने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है. उसका आरोप है कि हमास जानबूझकर नागरिक इलाकों—जैसे कि अस्पतालों, स्कूलों और शिविरों—के भीतर से हमले करता है और अपने ठिकाने वहीं बनाता है. इसी रणनीति की वजह से निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं. इस पूरे संघर्ष की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए बड़े आतंकी हमले से हुई थी. इसके बाद इजरायल ने गाज़ा में जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू की, जो अब तक जारी है. इस जंग ने गाज़ा पट्टी को तबाह कर दिया है—हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ है.
पोप लियो की मानवता की पुकार
वेटिकन से पोप लियो ने गाज़ा के लिए मानवीय सहायता की अपील की है. सेंट पीटर्स स्क्वायर में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गाज़ा की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ रही है और वहां सबसे ज़्यादा परेशानी बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों को हो रही है. उन्होंने इजरायल से आग्रह किया कि वह गाज़ा में मदद पहुंचाने की अनुमति दे. गाज़ा की त्रासदी हर दिन एक नया दर्द लेकर आती है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपेक्षा की जा रही है कि वह आगे बढ़कर इस मानवीय संकट को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप करे. जब तक हथियार नहीं रुकते, मासूमों की जान यूं ही जाती रहेगी.


