रास्ते में मलबा और शवों के बीच भी चेहरे पर खुशी... फिलिस्तीनियों ने घर वापसी पर मनाया जश्न
गाजा में 15 महीने तक चली भीषण लड़ाई और तबाही के बाद आखिरकार संघर्ष विराम लागू हो चुका है. इसके साथ ही फिलिस्तीनी लोगों की घर वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है. मलबे और बर्बादी के बीच लौटते इन लोगों के चेहरों पर अपने घर पहुंचने की खुशी साफ नजर आ रही है. संघर्ष ने उनके घरों को तोड़ दिया, लेकिन उनकी उम्मीदों और जज्बे को नहीं.

गाजा में 15 महीने की भीषण लड़ाई के बाद आखिरकार संघर्ष विराम लागू हो चुका है. इस फैसले के साथ ही विस्थापित फिलिस्तीनी परिवार अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं. टूटी-फूटी सड़कों और मलबे से भरे रास्तों पर चलते इन लोगों के चेहरे पर घर वापसी की खुशी साफ झलक रही है.
संघर्ष विराम से पहले ही लोगों ने घर लौटने की तैयारी शुरू कर दी थी। अपनी बसी-बसाई जिंदगी खो चुके इन परिवारों के लिए यह वापसी सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि नई उम्मीद और जीवन की शुरुआत है। हालांकि, रास्ते में मिले शवों और बर्बादी के निशान उनकी तकलीफों की गवाही देते हैं.
संघर्ष विराम के बाद उम्मीदों की नई शुरुआत
15 महीने की लड़ाई ने हजारों परिवारों को बेघर कर दिया. माजिदा अबू जराद जैसी महिलाएं, जिन्होंने अपने घरों को कभी सुरक्षित पनाहगाह समझा था, अब परिवार के साथ खानाबदोश जीवन जीने पर मजबूर हो गई थी. अबू जराद ने बताया कि वह सात बार अपना ठिकाना छोड़ने पर मजबूर हुई. इस दौरान उन्होंने स्कूलों के कमरों में अन्य विस्थापितों के साथ रातें गुजारीं और साफ पानी तक के लिए संघर्ष किया.
अब जबकि संघर्ष विराम लागू हो चुका है, अबू जराद अपने पति और छह बेटियों के साथ घर लौट रही हैं. उन्हें उम्मीद है कि वह अपने उत्तर में छूटे रिश्तेदारों से दोबारा मिल सकेंगी.
रास्ते में मुश्किलें, लेकिन अपनों से मिलने की खुशी
महदी मोहम्मद जैसे लोगों ने संघर्ष विराम की घोषणा होते ही घर लौटने का सफर शुरू कर दिया. उनके अनुसार, "रास्ते में मलबा और मुश्किलें हैं, लेकिन अपनों से मिलने की उम्मीद इन सबसे ज्यादा बड़ी है." महदी ने बताया कि गाजा सिटी में हमास की पुलिस लोगों को घर लौटने में मदद कर रही थी.
टूटी छतों के नीचे भी जश्न का माहौल
48 वर्षीय विधवा उम साबेर अपने छह बच्चों के साथ बेत लाहिया स्थित अपने घर लौटी. हालांकि रास्ते में उन्हें शवों के बीच से गुजरना पड़ा, लेकिन घर लौटने की खुशी ने उनकी तकलीफों को कम कर दिया. उन्होंने कहा, "हम पिछले 15 महीनों से इस पल का इंतजार कर रहे थे. अब लोग अपने घरों से मलबा हटा रहे हैं और जश्न मना रहे हैं.
गाजा के संघर्ष की भयावह तस्वीर
गौरतलब है कि गाजा में लड़ाई 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई थी. हमास ने दक्षिणी इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसके जवाब में इजरायली सेना ने गाजा पर बमबारी शुरू कर दी, जिसमें हजारों लोग मारे गए और बड़ी संख्या में विस्थापित हो गए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में 46,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए. वहीं, इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने 17,000 से अधिक आतंकियों को मार गिराया.
संघर्ष विराम के बाद भविष्य की राह
संघर्ष विराम ने गाजा के लोगों को राहत की सांस दी है. हालांकि, इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने की राह अब भी कठिन है. घरों की बर्बादी और हजारों की मौतों के निशान यहां के लोगों के दिलों में लंबे समय तक बने रहेंगे.


