हार्वर्ड संकट पर दुनियाभर के छात्रों में बेचैनी, ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई से मचा हड़कंप
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की SEVP सर्टिफिकेशन रद्द कर दी है, जिससे अब वह विदेशी छात्रों को F-1 और J-1 वीजा पर दाखिला नहीं दे सकती. इस फैसले से करीब 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्रों, जिनमें लगभग 800 भारतीय छात्र शामिल हैं, का भविष्य अधर में लटक गया है.

अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी एक बड़े संकट से गुजर रही है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय की स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन रद्द कर दी है, जिससे संस्थान अब विदेशी छात्रों को एफ-1 और जे-1 वीजा के तहत दाखिला नहीं दे सकता. इस फैसले ने करीब 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्रों, जिनमें 800 भारतीय छात्र भी शामिल हैं, के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को इस फैसले को पलटने का एक मौका दिया है. इसके लिए विश्वविद्यालय को 72 घंटे के भीतर छह सख्त शर्तों को पूरा करना होगा, तभी विदेशी छात्रों का दाखिला फिर से संभव हो सकेगा.
72 घंटे में पूरी करनी होंगी ये 6 सख्त शर्तें
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए हैं कि वह नीचे दिए गए छह बिंदुओं पर पूरी जानकारी उपलब्ध कराए:
1. गैर-कानूनी गतिविधियों का रिकॉर्ड
पिछले पांच वर्षों में किसी भी विदेशी छात्र द्वारा की गई गैर-कानूनी गतिविधियों से जुड़े सभी आधिकारिक व अनौपचारिक रिकॉर्ड, ऑडियो-वीडियो फुटेज और डिजिटल डाटा पेश करें.
2. हिंसक या खतरनाक गतिविधियों का ब्यौरा
विदेशी छात्रों द्वारा परिसर या बाहर की गई किसी भी हिंसक या खतरनाक गतिविधि से जुड़ी तमाम जानकारियाँ साझा करनी होंगी.
3. धमकी से जुड़े रिकॉर्ड
अगर किसी विदेशी छात्र ने किसी अन्य छात्र या विश्वविद्यालय स्टाफ को धमकी दी हो, तो उससे संबंधित सभी रिकॉर्ड प्रस्तुत करने होंगे.
4. अधिकारों के उल्लंघन का ब्योरा
ऐसे सभी मामले जिनमें किसी विदेशी छात्र ने सहपाठी या विश्वविद्यालय कर्मियों के अधिकारों का हनन किया हो, उनकी जानकारी भी देनी होगी.
5. अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानकारी
पिछले पांच वर्षों में दाखिल हर विदेशी छात्र के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई का विवरण देना अनिवार्य है.
6. प्रदर्शन में भागीदारी से जुड़ा फुटेज
अगर किसी भी विदेशी छात्र ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन या आंदोलन किया हो, तो उससे जुड़े ऑडियो या वीडियो फुटेज देने होंगे.
दूसरा विश्वविद्यालय या निर्वासन
अगर हार्वर्ड इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाता, तो इन छात्रों के पास दो ही विकल्प बचेंगे—या तो वे किसी अन्यSEVP-प्रमाणित संस्थान में दाखिला लें, या फिर अमेरिका से निर्वासित कर दिए जाएं क्योंकि उनकी लीगल स्टे वैलिडिटी खत्म हो जाएगी
भारत सहित पूरी दुनिया के छात्रों में चिंता
इस फैसले ने सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के छात्रों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है. दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटियों में शुमार हार्वर्ड में दाखिला पाने के लिए छात्र सालों मेहनत करते हैं. अब ऐसे में इन छात्रों का शैक्षणिक और भविष्य दोनों अधर में लटक गया है.
ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड के बीच बढ़ता टकराव
जानकारों का मानना है कि यह निर्णय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ट्रंप प्रशासन के बीच "कैंपस में यहूदी विरोध" के मुद्दे को लेकर चल रही तनातनी का परिणाम है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या हार्वर्ड प्रशासन इन 6 शर्तों को समय पर पूरा कर पाता है या हजारों छात्रों को नए विकल्प तलाशने पड़ेंगे.


