ISIS के ठिकानों पर अमेरिका का हवाई हमला, सीरिया में सैनिकों की मौत का लिया बदला
अमेरिका ने सीरिया में आईएस ठिकानों पर हवाई हमले किए. यह कार्रवाई अमेरिकी सैनिकों की मौत के बदले में की गई. ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक के तहत कई आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए और आगे भी कार्रवाई के संकेत दिए गए.

नई दिल्लीः संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकानों पर व्यापक हवाई कार्रवाई की. यह हमला हाल ही में हुए उस जानलेवा हमले के जवाब में किया गया, जिसमें अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए थे. अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, यह कार्रवाई पूरी तरह लक्षित थी और इसका उद्देश्य आईएस के नेटवर्क को कमजोर करना था.
‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ के तहत कार्रवाई
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने पुष्टि की कि यह सैन्य अभियान “ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक” के तहत अंजाम दिया गया. उन्होंने बताया कि इसमें आईएस के लड़ाकों, उनके बुनियादी ढांचे और हथियार ठिकानों को निशाना बनाया गया. हेगसेथ ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में और सैन्य कार्रवाई की जा सकती है.
यह युद्ध नहीं, बल्कि जवाब है
रक्षा सचिव ने साफ शब्दों में कहा कि यह कदम किसी नए युद्ध की शुरुआत नहीं है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि यह किसी युद्ध की घोषणा नहीं, बल्कि प्रतिशोध की कार्रवाई है. हमने अपने दुश्मनों को खोजा और उन्हें खत्म किया है, और जरूरत पड़ी तो यह सिलसिला जारी रहेगा. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी साझा किया गया.
दर्जनों ठिकाने बने निशाना
अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मध्य सीरिया में आईएस के दर्जनों ठिकानों पर हमले किए गए. इन ठिकानों का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों, हथियार भंडारण और लड़ाकों की आवाजाही के लिए किया जा रहा था. अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों से आईएस को भारी नुकसान पहुंचा है.
अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल
इस सैन्य अभियान में अमेरिकी वायुसेना के एफ-15 ईगल लड़ाकू विमान, ए-10 थंडरबोल्ट ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट और एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल थे. एक अधिकारी ने बताया कि जरूरत पड़ने पर आगे भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि, पेंटागन ने ऑपरेशन से जुड़े विस्तृत तकनीकी विवरण साझा करने से इनकार किया है.
अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद बढ़ा तनाव
यह हवाई हमला पिछले सप्ताहांत सीरिया के पल्मायरा के पास रेगिस्तानी इलाके में हुए हमले के बाद किया गया. उस हमले में अमेरिकी सेना के दो जवान और एक नागरिक दुभाषिया की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य सैनिक घायल हुए थे. अमेरिकी सेना के अनुसार, एक हमलावर ने अमेरिकी और सीरियाई बलों के काफिले पर हमला किया था, जिसे बाद में मार गिराया गया.
शहीद सैनिकों की पहचान
मारे गए अमेरिकी सैनिकों की पहचान सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस-टोवर (25) और सार्जेंट विलियम नथानिएल हॉवर्ड (29) के रूप में हुई है. दोनों आयोवा नेशनल गार्ड के सदस्य थे. हमले में मारे गए नागरिक दुभाषिया की पहचान अयाद मंसूर सकत के रूप में की गई है, जो मिशिगन के निवासी थे.
हमलावर पर आईएस से सहानुभूति का शक
सीरिया के आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि हमलावर सीरियाई सुरक्षा बलों से जुड़ा हुआ था और उस पर इस्लामिक स्टेट के प्रति झुकाव रखने का संदेह है. इस खुलासे ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं.
ट्रंप प्रशासन का सख्त रुख
इस घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कड़ी जवाबी कार्रवाई का वादा किया था. व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव अन्ना केली ने कहा कि राष्ट्रपति अपने वादे पर कायम हैं. उनके अनुसार, अमेरिका सीरिया में आईएस द्वारा किए गए हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने नागरिकों व सैनिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.


