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ईसाईयों के सबसे बड़े धर्मगुरू का चुनाव कैसे होता है?

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु, पोप फ्रांसिस इस समय गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. पिछले दो सप्ताह से वह अस्पताल में भर्ती हैं और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी किडनी में खराबी के संकेत मिल रहे हैं. इसके साथ ही खतरनाक खून के संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है. अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है. पोप फ्रांसिस की सेहत की स्थिति खराब होने के बाद, चर्च में अगले पोप के चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. पोप का चुनाव वैटिकन के कैथोलिक चर्च द्वारा किया जाता है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु, पोप फ्रांसिस इस समय गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. पिछले दो सप्ताह से वह अस्पताल में भर्ती हैं और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी किडनी में खराबी के संकेत मिल रहे हैं. इसके साथ ही खतरनाक खून के संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है. अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है. वेटिकन ने बताया कि उन्होंने रात में अच्छी नींद ली और सोमवार सुबह आराम किया. पोप फ्रांसिस फेफड़ों के जटिल संक्रमण से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनके गुर्दे में खराबी के शुरुआती लक्षण दिखाई दे रहे हैं. सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

चर्च में अगले पोप के चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू

पोप फ्रांसिस की सेहत की स्थिति खराब होने के बाद, चर्च में अगले पोप के चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. पोप का चुनाव वैटिकन के कैथोलिक चर्च द्वारा किया जाता है. यदि पोप किसी कारणवश कामकाजी नहीं रह पाते, तो वेटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, कार्डिनल पिएत्रो पारोनिल नए पोप के चुनाव तक पोप के कार्यों का निर्वहन करेंगे. 

पोप का चुनाव एक निश्चित प्रक्रिया के तहत किया जाता है. यदि पोप इस्तीफा देते हैं या निधन हो जाता है, तो 80 साल से कम उम्र के कार्डिनल्स को वेटिकन सिटी में बुलाया जाता है. इसके बाद कार्डिनल्स की गोपनीय सभा होती है, जहां वे वोटिंग करते हैं. कार्डिनल्स को गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है और उन्हें बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग कर दिया जाता है. वे अपने पसंदीदा पोप के नाम का चुनाव करते हैं और उसे एक पेपर पर लिखकर बॉक्स में डालते हैं. जिसके बाद दो तिहाई वोट प्राप्त करने वाले व्यक्ति को पोप चुना जाता है. 

नया पोप कैसे चुना जाता है

यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक दो तिहाई बहुमत प्राप्त नहीं होता. वोटिंग के दौरान काले धुएं से यह संकेत दिया जाता है कि पोप का चुनाव नहीं हुआ है, जबकि सफेद धुएं से यह संकेत मिलता है कि नया पोप चुन लिया गया है. इसके बाद एक सीनियर कार्डिनल सेंट पीटर बेसिलिका की बालकनी से पोप के नाम की घोषणा करता है.

भारत के दो कार्डिनल्स को भी वोट देने का अधिकार है. इनमें 79 साल के कार्डिनल जॉर्ज एलेंचेरी, सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के प्रमुख आर्कबिशप हैं और 51 साल के कार्डिनल जॉर्ज कूवाकड हैं, जो कि कॉर्डिनल्स कॉलेज में नियुक्त किए गए हैं. हालांकि, यदि चुनाव 19 अप्रैल 2025 के बाद होते हैं, तो एलेंचेरी वोट नहीं दे पाएंगे, क्योंकि वह 80 वर्ष के हो जाएंगे. कार्डिनल्स का कॉलेज 120 से अधिक लोगों का समूह होता है, जो दुनियाभर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हैं. पोप के चुनाव में यूरोप का प्रभाव अधिक होता है, क्योंकि वहां से सबसे ज्यादा कार्डिनल्स आते हैं.

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24 February 2025, 04:00 PM IST

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