'महाकुंभ' जैसी आग ने 'हज' में भी मचाई थी तबाही, फिर सऊदी ने पेश किया हैरान करने वाला समाधान
Hajj Fire: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में लगी आग ने करीब 200 कॉटेज को नष्ट कर दिया, लेकिन प्रभावी प्रबंधन के कारण स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई साल पहले मक्का में हज के दौरान भी ऐसी ही भीषण आग लग गई थी, जिससे वहां भी भारी तबाही मची थी?

Makkah Fire Incident: साल 1997 मक्का में हज यात्रा के दौरान एक भयावह हादसे के लिए याद किया जाता है. भीड़भाड़ वाले मिना टेंट सिटी में खाना पकाने के दौरान गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई. तेज हवाओं के कारण आग ने तेजी से पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया और 70,000 से अधिक टेंट जलकर खाक हो गए.
300 से अधिक मौतें और सैकड़ों घायल
आपको बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस हादसे में 217 लोगों की जान गई और 1,290 लोग घायल हुए. हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि मौतों की संख्या 300 से अधिक थी. आग के कारण मची भगदड़ ने भी मौतों की संख्या को बढ़ा दिया.
तेजी से हुआ राहत कार्य
वहीं आपको बता दें कि सऊदी अरब सरकार ने इस आपदा पर काबू पाने के लिए कई हेलीकॉप्टर और 300 से अधिक दमकल गाड़ियों को मौके पर तैनात किया. लेकिन तेज हवाओं के कारण राहत कार्य में कई बाधाएं आईं और मिना टेंट सिटी पूरी तरह खाक हो गई.
सऊदी सरकार ने किए बड़े बदलाव
बताते चले कि इस घटना के बाद, सऊदी सरकार ने आग जैसी घटनाओं से बचाव के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए. मिना में अब फायरप्रूफ टेंट बनाए जाते हैं, जो टेफ्लॉन-कोटेड ग्लॉस फाइबर फैब्रिक से बने होते हैं. टेंट के फ्रेम लकड़ी या बांस के बजाय स्टील के बनाए गए हैं और सभी रस्सियां भी आगरोधक सामग्री से तैयार होती हैं.
धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा का महत्व
इसके अलावा आपको बता दें कि धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के अस्थायी निवास जल्दी आग पकड़ सकते हैं. सऊदी सरकार के इस कदम ने हज यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और आग जैसी घटनाओं की संभावना को कम किया है.