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बस एक स्ट्राइक... और पाकिस्तान के सारे परमाणु ठिकाने खाक!

मिडिल ईस्ट में जंग तेज़ है और अमेरिका ने ईरान पर बंकर बस्टर से हमला कर दुनिया को चौंका दिया है। अब नजरें भारत पर हैं—क्या भारत भी एक ही स्ट्राइक में पाकिस्तान के सभी परमाणु ठिकानों को तबाह करने की ताकत रखता है?

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: इजराइल-ईरान युद्ध में अमेरिका की एंट्री ने हालात को और गंभीर बना दिया है। अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े न्यूक्लियर ठिकानों को बी-52 बॉम्बर्स और सबमरीन लॉन्च मिसाइलों से निशाना बनाया। खास बात यह रही कि अमेरिका ने ‘बंकर बस्टर’ बम GBU-57 MOP का इस्तेमाल किया, जो भूमिगत ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए तैयार किया गया है। इस कार्रवाई ने दुनिया को बता दिया कि सिर्फ एक सटीक वार से दुश्मन की न्यूक्लियर क्षमता को खत्म किया जा सकता है। अब भारत में भी चर्चा तेज है कि क्या भारतीय सेना के पास भी ऐसी मिसाइल शक्ति है जो पाकिस्तान के न्यूक्लियर बेस को एक ही हमले में खत्म कर सके?

ब्रह्मोस: भारत का सुपरसोनिक विनाशक हथियार

ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। यह मिसाइल 3,704 किमी प्रति घंटा (मैक 3) की गति से वार करती है और इसकी रेंज 290 से 600 किलोमीटर तक है। जमीन, समुद्र और हवा से दागे जाने वाले वर्ज़न इसे बेहद लचीला और बहुमुखी बनाते हैं। इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसकी सटीकता और हाई स्पीड, जो इसे दुश्मन के मजबूत बंकरों को भेदने में सक्षम बनाती है। ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक वर्ज़न ब्रह्मोस-2 भी तैयार किया जा रहा है, जिसकी गति मैक 8 तक हो सकती है और रेंज 1,000 किमी तक जाएगी।

अग्नि-5: एक लॉन्च, कई निशाने

अग्नि-5 भारत की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 5,500 से 6,000 किमी तक है। यह MIRV तकनीक से लैस है, जिससे यह एक ही लॉन्च में कई टारगेट को अलग-अलग दिशाओं में निशाना बना सकती है। ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में पूरी तरह सक्षम है। इसकी रेंज में पाकिस्तान पूरी तरह आता है और इसकी सटीकता इतनी है कि दुश्मन के सबसे गुप्त बंकर भी बच नहीं सकते। भारत के पास इससे पूरे पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को एक ही स्ट्राइक में तबाह करने की क्षमता है।

ET-LDH: भारत का हाइपरसोनिक भविष्य

DRDO की ओर से विकसित की जा रही ET-LDHCM मिसाइल भारत की सबसे एडवांस हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जा रही है। यह प्रोजेक्ट ‘विष्णु’ के तहत डेवलप हो रही है। इसकी स्पीड और पिनपॉइंट एक्युरेसी से यह दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है। इस मिसाइल से भारत की स्ट्राइक डिप्थ और टेक्नोलॉजिकल एज और बढ़ेगी, जिससे पाकिस्तान के भूमिगत नेटवर्क के खिलाफ एक और विकल्प मिल जाएगा।

भारत के पास क्यों है जवाब अमेरिका जैसे हथियारों का

अमेरिका ने भले ही GBU-57 जैसे ग्रैविटी बम का इस्तेमाल किया हो, लेकिन भारत की मिसाइल स्ट्राइक स्ट्रैटेजी अलग है। भारत हाई स्पीड, गाइडेड और बहु-एंगल अटैक मिसाइलों का इस्तेमाल करता है, जो बेहद सटीक और तेज होती हैं। तकनीक अलग है, लेकिन लक्ष्य वही—दुश्मन की न्यूक्लियर क्षमता को नेस्तनाबूद करना।

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23 June 2025, 09:17 PM IST

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