क्या आपकी पर्सनल जानकारी भी लीक हो गई है? ऐसे करें तुरंत जांच
इतिहास का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच सामने आया है, जिसमें करीब 16 अरब यूजरनेम और पासवर्ड्स लीक हो गए हैं. यह लीक सोशल मीडिया, ईमेल, सरकारी सेवाओं समेत कई प्लेटफॉर्म्स को प्रभावित कर रहा है. ऐसे में जानिए कैसे आप चेक कर सकते हैं कि आपकी जानकारी भी लीक हुई है या नहीं.

साइबर जगत में एक बड़ा झटका सामने आया है. एक भयंकर डेटा ब्रीच के चलते करीब 16 अरब यूजरनेम और पासवर्ड्स इंटरनेट पर लीक हो गए हैं. ये अब तक का सबसे बड़ा लीक माना जा रहा है, जिसमें फेसबुक, गूगल, एप्पल आईडी से लेकर सरकारी वेबसाइटों तक की जानकारियां शामिल हैं. इससे यूजर्स की ऑनलाइन सुरक्षा खतरे में आ गई है.
जानकारों के मुताबिक, यह लीक विभिन्न 'इंफोस्टीलर' (Infostealer) मालवेयर के जरिये हुआ है, जो चुपचाप डिवाइस से संवेदनशील जानकारियां चुरा लेते हैं. इसका सबसे बड़ा खतरा फिशिंग, अकाउंट हैकिंग और पहचान की चोरी (Identity Theft) से जुड़ा है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ आसान स्टेप्स से आप यह पता कर सकते हैं कि आपका डेटा भी इस ब्रीच का हिस्सा है या नहीं.
1. गूगल क्रोम का इनबिल्ट पासवर्ड चेकर
अगर आप गूगल क्रोम या एंड्रॉयड डिवाइस इस्तेमाल करते हैं, तो गूगल आपकी मदद कर सकता है. गूगल पासवर्ड मैनेजर में मौजूद Password Checkup Tool आपके सेव किए गए पासवर्ड्स को स्कैन करता है और अगर कोई पासवर्ड लीक हुआ हो, तो आपको अलर्ट करता है. यह कमजोर या बार-बार इस्तेमाल किए गए पासवर्ड्स को भी चिन्हित करता है और मजबूत पासवर्ड सुझाता है.
2. माइक्रोसॉफ्ट एज पासवर्ड मॉनिटर
अगर आप विंडोज यूजर हैं और Microsoft Edge ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, तो इसमें भी एक शानदार Password Monitor फीचर है. यह चुपचाप आपके सेव पासवर्ड्स को ऑनलाइन डेटा ब्रीच डेटाबेस से मिलाकर जांचता है. किसी गड़बड़ी की स्थिति में यह आपको अलर्ट करता है.
3. वेबसाइट का इस्तेमाल करें
यह एक भरोसेमंद और मुफ्त ऑनलाइन टूल है. haveibeenpwned.com पर जाकर आप अपना ईमेल डाल सकते हैं और पता कर सकते हैं कि वह किसी डेटा ब्रीच का हिस्सा रहा है या नहीं. यह टूल आपको ब्रीच का नाम और तारीख भी बताता है.
अगर आपका डेटा लीक हुआ है तो क्या करें?
अगर आपने पाया कि आपकी जानकारी लीक हुई है, तो घबराएं नहीं, तुरंत ये कदम उठाएं:-
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संबंधित अकाउंट्स के पासवर्ड्स तुरंत बदलें.
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अगर आपने वही पासवर्ड कहीं और भी इस्तेमाल किया है, तो वहां भी बदलाव करें.
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मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाने के लिए पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें.
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जहां भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन करें. इससे सुरक्षा की दूसरी परत जुड़ जाती है.
ज्यादा सुरक्षित विकल्प चाहते हैं? तो पासकीज़ (Passkeys) अपनाएं, जो बायोमेट्रिक सिस्टम पर आधारित होते हैं और पासवर्ड की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होते हैं.


