भारत करे युद्ध समाप्ति में मदद, यूक्रेनी राजदूत बोले- बातचीत के जरिए समस्याओं का होगा हल
भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में और बड़ी भूमिका निभाए, क्योंकि यूक्रेन भारत को शांति वार्ता में अहम साझेदार मानता है. यह बात भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्जेंडर पोलिशचुक ने कही. पोलिशचुक ने इस बात पर ज्यादा जोर देकर कहा कि भारत की सक्रिय भागीदारी से शांति की राह आसान हो सकती है.

Russia-Ukraine: यूक्रेन ने संकेत दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान में भारत और अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है. भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्जेंडर पोलिशचुक के अनुसार, शांति वार्ता में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है और रूस का पुराना सहयोगी होने के नाते भारत इस दिशा में ठोस पहल कर सकता है. पोलिशचुक ने यूक्रेन के नेशनल फ्लैग डे पर दिए एक साक्षात्कार में बताया कि 2023 से भारत-यूक्रेन संवाद में गति आई है. उनके मुताबिक, उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट किया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में खड़ा है और बातचीत के माध्यम से समाधान का समर्थन करता है.
भारत से सक्रिय भूमिका की मांग
यूक्रेनी राजदूत ओलेक्जेंडर पोलिशचुक ने कहा कि भारत की कूटनीतिक विश्वसनीयता और मॉस्को से पुराने संबंध शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं. यूक्रेन, वार्ता-प्रक्रिया में भारत की भागीदारी को निर्णायक मानता है.
भारत तटस्थ नहीं, शांति के पक्ष में
नेशनल फ्लैग डे के साक्षात्कार में पोलिशचुक ने स्मरण कराया कि 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत तटस्थ नहीं है. वह शांति का समर्थक है और संवाद से समाधान की वकालत करता है. इसी आधार पर कीव चाहता है कि नई दिल्ली मध्यस्थता में और तेजी लाए.
मॉस्को पर ड्रोन हमले की कोशिश, उड़ानें घंटों तक बाधित
युद्ध मोर्चे पर शनिवार को यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर ड्रोन हमलों की कोशिश की. इसके कारण मॉस्को और आसपास के शहरों में हवाई यातायात कई घंटों तक बाधित रहा. रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने राजधानी तक पहुंचने से पहले ड्रोन मार गिराए. किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है.
गुरुवार रात रूस के तेल आपूर्ति ढांचे पर यूक्रेनी हमलों से हंगरी और स्लोवाकिया की सप्लाई कम से कम पांच दिनों के लिए रुक गई. द्रुज्बा तेल पाइपलाइन और अन्य ठिकानों पर हुए हमलों से लगी भीषण आग को आपूर्ति रोककर नियंत्रित किया जा रहा है. इसी बीच, रूस ने भी यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाया, जिससे आगामी सर्दियों में यूक्रेनी नागरिकों की कठिनाइयां बढ़ सकती हैं.
यूरोप की ऊर्जा रणनीति
रूसी हमले के बाद 2022 से यूरोपीय देशों ने रूस से तेल-गैस आयात में भारी कटौती की है और 2027 तक इसे शून्य पर लाने की योजना बनाई है. हालांकि, यूरोपीय संघ के सदस्य हंगरी और स्लोवाकिया ने मॉस्को से ऊर्जा संबंध बनाए रखे हैं. दोनों ने रूस पर लगाए प्रतिबंधों और द्रुज्बा पाइपलाइन से आपूर्ति रोकने के प्रयासों का विरोध किया है.


