अमेरिका के 25% टैक्स पर अड़ा भारत, कहा हटाओ तभी होगी व्यापार डील की बातचीत
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता एक बार फिर संकट में फंस गई है। भारत ने साफ संदेश भेजा है कि जब तक राष्ट्रपति ट्रंप 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ नहीं हटाते, तब तक किसी भी तरह की डील पर बात नहीं होगी।

International News: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी, लेकिन अब हालात बिगड़ गए हैं। भारत ने साफ कह दिया है कि अमेरिका पहले 25% टैक्स हटाए, तभी आगे की बात होगी। ये टैक्स अमेरिकी सरकार ने भारतीय तेल आयात पर लगाया है। दिल्ली के अफसरों का कहना है कि जब तक ये बोझ खत्म नहीं होता, किसी भी व्यापार समझौते का कोई फायदा नहीं है।
ट्रंप का नया दबाव बढ़ा तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर दबाव डालते हुए वार्ता टाल दी। उनका कहना है कि रूस से भारत का तेल खरीदना अमेरिका के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब तक ये मसला सुलझेगा नहीं, व्यापार डील की कोई गुंजाइश नहीं है। इस अचानक फैसले से दोनों देशों के रिश्तों में खटास साफ दिख रही है।
25 अगस्त की मुलाकात टली
दरअसल, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त को दिल्ली आने वाला था। यहां दोनों पक्ष बातचीत करने वाले थे। लेकिन ट्रंप ने आखिरी वक्त में यह मीटिंग रोक दी। भारतीय अधिकारियों ने साफ किया कि बातचीत पूरी तरह खत्म नहीं हुई, बस तारीख आगे बढ़ाई गई है। मतलब संपर्क टूटे नहीं हैं, मगर समझौता अभी दूर है।
भारत का कड़ा जवाब साफ
भारत के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम बातचीत से पीछे नहीं हट रहे, लेकिन टैक्स हटाना जरूरी है। अगर अमेरिका टैरिफ रखेगा तो हमारे व्यापारियों को घाटा होगा। ऐसे में डील का कोई फायदा नहीं होगा। भारत का संदेश साफ है कि बराबरी और इंसाफ चाहिए, दबाव में कोई झुकाव नहीं होगा।
पुरानी तनातनी याद आई
इससे पहले 2019 में भी ऐसा विवाद हुआ था। तब अमेरिका ने भारत को जीएसपी यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज से बाहर कर दिया था। इसके बाद भारत ने भी अमेरिकी सामान पर जवाबी टैक्स लगा दिया था। उस दौर में भी दोनों देशों के बीच रिश्ते खिंचाव में आ गए थे। अब वही तनाव फिर लौटता दिख रहा है।
कारोबारियों में बढ़ी बेचैनी
टैक्स और टकराव के इस माहौल का असर सीधे कारोबारियों पर पड़ रहा है। जो कंपनियां अमेरिका को माल भेजती हैं, उन्हें नुकसान का डर सताने लगा है। निर्यातक कह रहे हैं कि अगर टैक्स नहीं हटा तो व्यापार ठप पड़ सकता है। खासकर आईटी, दवा और कृषि क्षेत्र पर सबसे ज्यादा असर होगा।
रिश्तों का भविष्य अधर में
भारत और अमेरिका दोनों के लिए यह साझेदारी अहम है। ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और दवा के क्षेत्र में कई मौके हैं। मगर हर बार टैरिफ और शर्तें आड़े आ जाते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर बातचीत सही दिशा में नहीं चली, तो आने वाले सालों में रिश्ते और बिगड़ सकते हैं। अब सबकी नजर ट्रंप और मोदी सरकार के अगले कदम पर है।


