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ट्रंप के टैरिफ का भारत देगा करारा जवाब, स्टील-एल्युमीनियम पर शुल्क लगाने के मुद्दे पर होगी कड़ी कार्रवाई

भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत एक स्मार्ट कदम उठाया है. स्टील और एल्युमीनियम पर जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूत कानूनी आधार तैयार कर लिया गया है. यह कदम न केवल भारत की व्यापारिक ताकत को दर्शाता है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Trump Tariff: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में तनाव एक बार फिर काफी बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर स्टील, एल्युमीनियम और उनके डेरिवेटिव्स पर 50% शुल्क लगाए जाने के बाद, भारत अपने जवाबी कदम की तैयारी कर रहा है. यह शुल्क जून में अमेरिकी सरकार द्वारा भारत से मंगाने वाले इन वस्तुओं पर लगाए गए भारी शुल्क का ही एक विस्तार है. अब, भारत अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने की योजना बना सकता है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में और भी तनाव उत्पन्न हो सकता है. इस विवाद का मुख्य कारण अमेरिका का 50% टैरिफ है, जिसे उसने भारत से आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर लगाया था. भारत ने इसे चुनौती देने के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में कानूनी आधार तैयार कर लिया है, और इसे लेकर विवाद अब और गहरा सकता है. इस व्यापार विवाद ने व्यापार वार्ता की दिशा को भी प्रभावित किया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में गड़बड़ी आ रही है.

भारत की जवाबी कार्रवाई की तैयारी

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत ने अमेरिकी शुल्कों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत कानूनी कार्रवाई का आधार तैयार कर लिया है. अमेरिकी प्रशासन ने भारत के उस अनुरोध को खारिज कर दिया था जिसमें भारत ने कहा था कि अमेरिका सुरक्षा उपायों के नाम पर WTO के नियमों का उल्लंघन कर रहा है. अमेरिका वाशिंगटन से बातचीत के जरिए नई दिल्ली की चिंताओं का समाधान करने को तैयार नहीं है, जिससे भारत के पास जवाबी कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता.

अमेरिका का 50% शुल्क 

यह विवाद फरवरी 2018 से शुरू हुआ था जब ट्रंप प्रशासन ने स्टील और एल्युमीनियम पर 25% शुल्क लगाया था, जिसे बाद में जून में बढ़ाकर 50% कर दिया गया था. इस पर भारत ने 9 मई को विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया था कि इन शुल्कों के कारण भारत के लगभग 7.6 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात प्रभावित हो रहे हैं, और उसने उचित कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखा है. एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, 'अमेरिका भारत के आर्थिक हितों के विरुद्ध अन्यायपूर्ण तरीके से काम कर रहा है, जबकि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. भारत अमेरिका की एकतरफा और अनुचित कार्रवाइयों का जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है.'

व्यापार वार्ता में ठहराव

फरवरी में, राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक विस्तारित करने और व्यापार वार्ता शुरू करने का संकल्प लिया था. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. व्यापार वार्ता रुकी हुई है, खासकर तब जब अमेरिका ने आर्थिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में बेरोकटोक बाजार पहुंच की मांग की थी, जिसे भारत ने खारिज कर दिया. इसी बीच, ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर भारत को सजा  दिया  है. ट्रम्प प्रशासन की ये एकतरफा, अनुचित और अनुचित कार्रवाइयां निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने के उसके इरादे पर संदेह पैदा करती हैं. 

दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग है. 2024-25 तक, अमेरिका भारत को 13.62 बिलियन डॉलर का ऊर्जा निर्यात करेगा, और दोनों देशों के बीच सेवा व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी. अमेरिकी सेवा निर्यात 2023 में 41.8 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जो कि 15.9% अधिक है, जबकि आयात भी 15.4% बढ़कर 41.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया.

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10 August 2025, 01:18 PM IST

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