टैरिफ विवाद में भारत का मास्टरस्ट्रोक, ट्रंप से मिले मोदी सरकार के भरोसेमंद लॉबिस्ट
भारत-अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच कूटनीति ने नया मोड़ ले लिया है. डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और भारतीय सरकार के लिए लॉबिंग कर रहे जेसन मिलर ने हाल ही में ट्रंप से मुलाकात की, जिसने दोनों देशों के रिश्तों पर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

India US tariff dispute: भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच कूटनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इसी क्रम में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और जाने-माने राजनीतिक लॉबिस्ट जेसन मिलर ने ट्रंप से मुलाकात की है. इस मुलाकात ने दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों और राजनीतिक समीकरणों पर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
जेसन मिलर वही लॉबिस्ट हैं जिन्हें भारत सरकार ने हाल ही में ट्रंप प्रशासन तक अपनी पहुंच मजबूत करने के लिए नियुक्त किया था. उन्होंने एक्स पर ट्रंप संग अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "वॉशिंगटन में शानदार सप्ताह बिताया. सबसे खास रहा हमारे राष्ट्रपति को ऐक्शन में देखने का मौका."
Fantastic week in Washington with so many friends being in town, topped off of course by having the opportunity to stop in and see our President in-action!
— Jason Miller (@JasonMiller) September 6, 2025
Keep up the great work, @POTUS @realDonaldTrump! pic.twitter.com/G28hsKTUgd
भारत के लिए विदेशी एजेंट की भूमिका
सार्वजनिक खुलासों के मुताबिक, जेसन मिलर आधिकारिक तौर पर भारत के हितों की वकालत करने वाले रजिस्टर्ड विदेशी एजेंट हैं. भारत सरकार ने अप्रैल 2024 में उनकी लॉबिंग फर्म SHW Partners LLC को नियुक्त किया था. इस अनुबंध के तहत भारत हर महीने करीब 1.5 लाख डॉलर (लगभग 1.25 करोड़ रुपये) फीस चुका रहा है. एक साल का यह करार 1.8 मिलियन डॉलर (करीब 15 करोड़ रुपये) का है. फर्म को अमेरिका की सरकार, कांग्रेस, थिंक टैंक और विभिन्न संस्थानों के साथ भारत से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक सलाह देने और कूटनीतिक संपर्क बढ़ाने का काम सौंपा गया है.
ट्रंप के भरोसेमंद साथी
जेसन मिलर, ट्रंप के लंबे समय से राजनीतिक सहयोगी रहे हैं. साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में वे उनके मुख्य मीडिया प्रवक्ता के तौर पर सुर्खियों में आए. उन्हें वाइट हाउस का कम्युनिकेशंस डायरेक्टर नियुक्त किया जाना था, लेकिन निजी विवादों के चलते उन्होंने पद संभालने से पहले ही खुद को पीछे हटा लिया. उनके खिलाफ ट्रंप कैंपेन की एक अधिकारी के साथ संबंध और यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे, हालांकि इन विवादों के बावजूद वे ट्रंप के बेहद नजदीकी बने रहे. मिलर ने ट्रंप के 2020 और 2024 चुनाव अभियानों में भी अहम सलाहकार की भूमिका निभाई.
क्यों अहम है ये मुलाकात?
हालांकि ट्रंप और मिलर की इस मुलाकात का आधिकारिक एजेंडा सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन यह बैठक उस समय हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ और व्यापारिक रणनीतियों पर तनाव बढ़ रहा है. दोनों देशों के बीच आर्थिक नीतियों और आयात-निर्यात शुल्क को लेकर लगातार खींचतान बनी हुई है. माना जा रहा है कि मिलर की यह सक्रियता भारत सरकार के लिए अमेरिकी सत्ता केंद्रों में कूटनीतिक संतुलन साधने की कोशिश का हिस्सा है.


