ईरान ने लेबनान के पेजर और वॉकी-टॉकी हमले से लिया सबक! इंटरनेट से कनेक्ट सभी डिवाइस पर लगाया बैन
ईरान ने इज़रायल से बढ़ते साइबर खतरे के चलते सरकारी अधिकारियों के लिए इंटरनेट से जुड़े उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेबनान में हुए पेजर-वॉकी टॉकी विस्फोटों और ईरान-इज़राइल के युद्ध जैसे हालातों के बीच यह कदम उठाया गया. दोनों देशों के बीच टकराव अब सीधे ड्रोन और मिसाइल हमलों तक पहुंच चुका है.

इजरायल और ईरान के बीच लगातार बढ़ रहे टकराव ने अब एक नए मोड़ पर पहुंचते हुए साइबर सुरक्षा को भी केंद्र में ला दिया है. सुरक्षा चिंताओं के चलते ईरान की साइबर सुरक्षा कमान ने अपने सरकारी अधिकारियों और उनके सुरक्षा कर्मियों के लिए इंटरनेट से जुड़े उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्णय संभावित इज़रायली साइबर जासूसी और लक्षित हमलों की आशंका को देखते हुए लिया गया है.
सार्वजनिक नेटवर्क पर सख्ती
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह प्रतिबंध अब सरकारी तंत्र द्वारा उपयोग किए जा रहे सभी दूरसंचार नेटवर्क से जुड़े उपकरणों पर लागू होगा. रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली एजेंसियां मोबाइल नेटवर्क का उपयोग कर अधिकारियों की गतिविधियों की निगरानी कर सकती हैं या उनकी हत्या की साजिश रच सकती हैं.
हिज़्बुल्लाह पर हुए हमलों का असर
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में लेबनान में हुए एक बड़े साइबर-प्रेरित विस्फोट ने क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र को हिला कर रख दिया. सितंबर 2024 में लेबनान में हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी उपकरण अचानक विस्फोट कर गए. इनका इस्तेमाल हिज़्बुल्लाह के नेताओं और अन्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा था. इस घटना में 42 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 12 आम नागरिक भी शामिल थे. साथ ही 4000 से अधिक लोग घायल हुए.
पहला धमाका 17 सितंबर को पेजर के जरिए और दूसरा 18 सितंबर को वॉकी-टॉकी के माध्यम से हुआ था. इन विस्फोटों ने साइबर-आधारित हथियारों की संभावनाओं और खतरों को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर कर दिया.
ईरान की चेतावनी
ईरानी साइबर सुरक्षा कमान ने स्पष्ट किया कि मोबाइल फोन को बंद करना अब पर्याप्त नहीं है, क्योंकि बंद फोन भी ट्रैक किए जा सकते हैं. उन्होंने अधिकारियों को विशेष रूप से "ट्रैकिंग-रोधी" सुरक्षित उपकरणों के इस्तेमाल की सलाह दी है. इसका सीधा मतलब है कि अब हर संचार गतिविधि को एक रणनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाएगा.
ईरान-इज़रायल संघर्ष के पांच दिन
इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में ईरान-इज़राइल के बीच बढ़ता तनाव है, जो अब युद्ध के स्तर तक पहुंच चुका है. संघर्ष का यह सिलसिला पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है. सोमवार को इज़राइली वायुसेना ने तेहरान में स्थित सरकारी ब्रॉडकास्टर IRIB को निशाना बनाया. इज़राइल का आरोप है कि यह ईरानी सैन्य ऑपरेशनों का एक अहम केंद्र है.
इसके जवाब में ईरान ने इज़राइल की ओर कई मिसाइलें दागीं, जिन्हें इज़राइल की आयरन डोम प्रणाली ने नष्ट कर दिया. हालांकि इन हमलों से तनाव कम नहीं हुआ है, बल्कि यह साफ संकेत दे रहा है कि यह संघर्ष जल्द थमने वाला नहीं.