भारत में बड़े पैमाने पर हमले करना चाहता था ISIL ग्रुप, मोदी सरकार ने किया नाकाम, यूएन की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) एक आतंकवादी समूह है, जिसका लक्ष्य पश्चिम एशिया में ‘खिलाफत’ स्थापित करना है. इस आतंकी संगठन को ‘इस्लामिक स्टेट’ के नाम से भी जाना जाता है. 35वीं रिपोर्ट के अनुसार, ये आतंकवादी समूह और सहयोगी संगठन बाहरी आतंकवाद-रोधी दबाव के कारण स्थिति को ध्यान में रखकर साजिशें रच रहे हैं.

आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (IS) भारत में बड़े पैमाने पर हमले करने में असमर्थ रहा, लेकिन इसके आकाओं ने देश में स्थित समर्थकों के माध्यम से ‘लोन ऐक्टर’ हमलों को अंजाम देने का प्रयास किया. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
‘लोन ऐक्टर हमले’ विचारधारा से प्रेरित हिंसा की घटनाएं होती है, जिसे ऐसे व्यक्तियों द्वारा अंजाम दिया जाता है, जो संगठित आतंकवादी समूहों का हिस्सा नहीं होते हैं या दूसरों के प्रत्यक्ष आदेशों का पालन नहीं करते हैं.
क्या है ISIL ग्रुप?
आईएसआईएल (ISIL) अलकायदा और संबद्ध व्यक्तियों और संगठनों के संबंध में विश्लेषणात्मक सहायता एवं प्रतिबंध निगरानी दल की 35वीं रिपोर्ट के अनुसार, ये आतंकवादी समूह और सहयोगी संगठन बाहरी आतंकवाद-रोधी दबाव के कारण स्थिति को ध्यान में रखकर साजिशें रच रहे हैं.
आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) एक आतंकवादी समूह है, जिसका लक्ष्य पश्चिम एशिया में ‘खिलाफत’ स्थापित करना है. इस आतंकी संगठन को ‘इस्लामिक स्टेट’ के नाम से भी जाना जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल (ISIL) भारत में बड़े पैमाने पर हमले करने में असमर्थ रहा. हालांकि, इसके आकाओं ने भारत स्थित समर्थकों के माध्यम से ‘लोन ऐक्टर’ हमले को भड़काने की कोशिश की. आईएसआईएल (ISIL) समर्थित ‘अल-जौहर’ मीडिया ने अपने प्रकाशन सेरात उल-हक के माध्यम से भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना जारी रखा.
अफगानिस्तान में 2 दर्जन से अधिक आतंकवादी ग्रुप एक्टिव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में लगभग दो दर्जन से अधिक आतंकवादी समूह सक्रिय हैं और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का मानना है कि इस देश से उत्पन्न सुरक्षा खतरे से क्षेत्र और उसके बाहर अस्थिरता की स्थिति बनी रहेगी.
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आईएसआईएल (ISIL) द्वारा उत्पन्न खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस की 20वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि दाएश द्वारा उत्पन्न खतरों के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.