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इजराइल का सुपर पावरफुल एयरो-3 बनेगा यूरोप का सुरक्षा कवच, उत्पादन शुरू…, इस वजह से है शक्तिशाली…

इजरायली रक्षा प्रणालियों की तैनाती के लिए तीन प्रमुख सैन्य ठिकानों का चयन किया गया है. यह ठिकाने राणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर स्तिथ हैं. इससे देश की सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत किया जाएगा. इन रक्षा प्रणालियों में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, जो हवाई और जमीनी खतरों से निपटने में सक्षम होंगी. सरकार और सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. 

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. इजरायल में निर्मित एरो 3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम यूरोप की सुरक्षा करेगा. जर्मनी में इसका विकास कार्य शुरू हो चुका है, गुरुवार को जर्मन सेना के एक अधिकारी ने जानकारी दी. इस साल के अंत तक इसकी प्रारंभिक परिचालन क्षमता हासिल करने की समयसीमा तय की गई है. वहीं, 20230 तक इसके पूर्ण परिचालन क्षमता हासिल करने की उम्मीद है.

तीन स्थानों पर बनेगी रक्षा प्रणाली

इन इज़रायली-विकसित रक्षा प्रणालियों के लिए तीन बेसों का चयन किया गया है. पहला बेस होल्ज़डॉर्फ एयरबेस पर स्थित है, जो जर्मन राजधानी से लगभग 75 किलोमीटर दक्षिण में बैंडेनबर्ग और सैक्सोनी-एनहाल्ट राज्यों के बीच की सीमा पर स्थित है.

एरो-3 वायु रक्षा प्रणाली की विशेषताएं

जर्मनी ने इजरायल से मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है ताकि देश के एयर डिफेंस सिस्टम में कमी को पूरा किया जा सके. एरो-3 सिस्टम इजरायल का सबसे शक्तिशाली और सटीक मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम है. यह 100 किलोमीटर से अधिक की ऊंचाई पर आने वाली मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने में सक्षम है. इसका मतलब है कि यह डिफेंस सिस्टम वायुमंडल के बाहर के खतरों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही बेअसर कर देता है. इतना ही नहीं एरो-3 बैलिस्टिक मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम है.

जर्मनी की वायु रक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव

जर्मनी के पास पहले यह क्षमता नहीं थी. शीत युद्ध के बाद, देश की वायु रक्षा प्रणाली आंशिक रूप से बंद कर दी गई थी और वर्तमान में पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रही है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के जवाब में, जर्मनी ने यूरोपीय स्काई शील्ड पहल (ESSI) का समर्थन किया है.

निर्माण कार्य 2028 तक पूरा हो जाएगा

जर्मन सेना की खरीद एजेंसी के प्रवक्ता के अनुसार, होल्ज़डॉर्फ में निर्माण 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है. और अन्य दो साइटों के लिए, दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं. निर्माण योजना अगले चरण में शुरू होने वाली है. उन्होंने कहा कि दक्षिणी ठिकानों के लिए अभी तक कोई स्थान निर्धारित नहीं किया गया है.

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22 February 2025, 06:15 PM IST

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