इज़रायल ने हमास के टॉप कमांडर राएद साद को किया ढेर, कई घायल
इज़राइल का दावा है कि उसने गाजा सिटी में एक टारगेटेड हमले में हमास के एक सीनियर कमांडर राद साद को मार गिराया, जिसे 7 अक्टूबर, 2023 के हमास हमले का मास्टरमाइंड और उनके हथियार बनाने के प्रोग्राम का हेड माना जाता था।

नई दिल्ली: इज़रायल ने गाजा सिटी में एक लक्षित हमले के दौरान हमास के सीनियर कमांडर राद साद को मार गिराने का दावा किया है, जिसे 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले का मास्टरमाइंड और हथियार निर्माण कार्यक्रम का प्रमुख माना जाता था.इस हमले ने दो पक्षों के बीच जारी नाजुक सीज़फायर को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है.
इज़रायल ने राद साद को किया ढेर
आधिकारिक बयान में इज़रायली सेना ने बताया कि यह कार्रवाई उस समय की गई जब गाजा के दक्षिणी हिस्से में एक विस्फोटक उपकरण के फटने से दो इज़रायली सैनिक घायल हुए थे.इसी घटना को आधार मानते हुए इज़रायल ने वरिष्ठ हमास कमांडर पर ढेर करना का आदेश जारी किया.इज़रायली अधिकारियों के अनुसार राद साद हथियार बनाने और हमास की सैन्य क्षमताओं को फिर से खड़ा करने की प्रक्रिया में सक्रिय था, जो सीज़फायर समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है.
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इज़रायल कॅट्ज़ ने संयुक्त बयान में कहा कि साद को हमास का एक मुख्य रणनीतिक घटक माना जाता था जिसने संगठन के सशस्त्री विंग की ताकत में इज़ाफ़ा करने का प्रयास किया.इज़रायली सेना ने दावा किया कि यह हमला सीज़फायर शर्तों के तहत वैध था, क्योंकि उनके अनुसार हमास लगातार समझौते का उल्लंघन कर रहा है.
हमले मे 4 लोगों की मौत
गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक इस हमले में कमांडर साद के अलावा कम से कम 4 लोगों की मौत हुई और लगभग 3 से अधिक लोग घायल हुए हैं.हालांकि, हमास ने साद की मौत की पुष्टि नहीं की है और घटना को सीज़फायर का उल्लंघन बताते हुए इज़रायल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.हमास का कहना है कि इज़रायली हमला नागरिक वाहन को निशाना बनाकर किया गया, जो समझौते की शर्तों के खिलाफ है.
यह कार्रवाई उस सीज़फायर के प्रभावशीलता पर भी सवाल उठा रही है, जो अक्टूबर में हुआ था और जिसके तहत दोनों पक्षों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी.इस समझौते ने कुछ हद तक हिंसा को कम किया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत तथा निवासियों के लौटने की प्रक्रिया को संभव बनाया.लेकिन समय-समय पर दोनों तरफ से छोटे-बड़े संघर्ष और हमले जारी रहे हैं, जिससे शांति की प्रक्रिया कमजोर नजर आती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि राद साद का हमला मध्य पूर्व में तनाव को फिर बढ़ा सकता है, क्योंकि हमास और उसके समर्थक समूह इसे सीज़फायर को धक्का देने वाला कदम मान रहे हैं और इसका राजनीतिक तथा सैन्य प्रभाव देखते हैं.इस बीच युद्ध विराम समझौते को सुदृढ़ बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच बढ़ते दबाव के बीच क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा अनिश्चित बनी हुई है.


