इजराइल द्वारा ईरान पर कड़ा प्रहार, मारे गए 2 और शीर्ष जनरल, परमाणु ठिकाने भी ध्वस्त
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव में इजरायली हमलों में दो ईरानी जनरल मारे गए, जबकि तेहरान और तेल अवीव पर मिसाइल हमले हुए. फोर्डो परमाणु संयंत्र को भी नुकसान पहुंचा. अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता बाधित हुई. संयुक्त राष्ट्र और भारत ने संयम की अपील की है.

मध्य पूर्व में तनाव और भी गंभीर हो गया है, जब ईरान ने शनिवार को पुष्टि की कि इजरायल के हमलों में उसके दो उच्च पदस्थ जनरल मारे गए हैं. यह घटना तेल अवीव पर ईरानी मिसाइल और रॉकेट हमलों के बाद हुई, जिससे यरुशलम और अन्य इजरायली इलाकों में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं.
इजरायल के हमलों की नई लहर
इजरायली हवाई हमलों की यह ताजा लहर एक दिन बाद आई, जब इजरायल ने ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था. इस हमले में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान निशाने पर थे, जहां कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए और महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाएं नष्ट हुईं. इसके बाद इजरायली सेना ने तेहरान पर हमलों का तीसरा दौर शुरू कर दिया, जिसमें कई जगहों पर विस्फोट की सूचना मिली.
ईरान के दो शीर्ष जनरलों की मौत
सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान की सशस्त्र सेना के जनरल स्टाफ के खुफिया उप प्रमुख जनरल घोलमरेजा मेहराबी और ऑपरेशंस के उप प्रमुख जनरल मेहदी रब्बानी हमलों में मारे गए हैं. ईरानी आधिकारिक खबरों के अनुसार, फोर्डो परमाणु संयंत्र को भी मामूली नुकसान पहुंचा है. ISNA समाचार एजेंसी ने बताया कि संयंत्र के कुछ हिस्सों को नुकसान हुआ, लेकिन कोई बड़ा खतरा या रेडिएशन फैलाव नहीं हुआ है.
परमाणु संयंत्र पर हुआ हमला
रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने कहा कि संयंत्र के संवर्धन स्थल के कुछ हिस्से प्रभावित हुए हैं, लेकिन उपकरण और सामग्री पहले ही सुरक्षित स्थान पर ले जाई जा चुकी हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यापक क्षति नहीं हुई और कोई संदूषण का खतरा नहीं है.
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु विवाद
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका ईरान को परमाणु समझौते पर पुनः हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाल रहा है. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता नहीं करता, तो इजरायली हमले और तेज हो सकते हैं. ईरान ने इस बीच कहा कि इजरायली हमलों के बाद अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता "बेकार" है.
इजरायल का हमला
इजरायल ने स्वीकार किया है कि यह हमला नवंबर 2024 से योजना में था, जो हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद तेज हुआ. इस ऑपरेशन में इजरायल ने ड्रोन और युद्धक विमानों का इस्तेमाल किया, जिनसे परमाणु सुविधाओं और सैन्य नेताओं को निशाना बनाया गया. शुक्रवार को हुए हमलों में ईरान के तीन प्रमुख सैन्य अधिकारी—जनरल मोहम्मद बाघेरी, जनरल हुसैन सलामी और जनरल आमिर अली हाजीजादेह—की मृत्यु हुई.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से शांति स्थापित करने और हमले रोकने का आग्रह किया है. वहीं, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने कहा कि उनका देश तब तक कार्रवाई जारी रखेगा जब तक ईरान से खतरे पूरी तरह खत्म नहीं हो जाते.
भारत की भूमिका
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर इस स्थिति की जानकारी साझा की. नेतन्याहू विश्व नेताओं से समर्थन जुटाने में लगे हैं. भारत ने स्थिति पर गहरी चिंता जताई है और दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है.


