इजराइल का यमन पर सबसे बड़ा हमला, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ समेत कई अधिकारियों की मौत का दावा
यमन की राजधानी सना में इजराइली हवाई हमले में हूती प्रशासन के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और कई मंत्रियों की मौत का दावा किया गया है. इजराइल ने केवल सैन्य ठिकाने पर हमले की पुष्टि की, पर नाम नहीं लिया. यह घटना यमन के लंबे गृहयुद्ध को और जटिल बना सकती है और क्षेत्रीय राजनीति पर बड़ा असर डाल सकती है.यमन की राजधानी सना में इजराइली हवाई हमले में हूती प्रशासन के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और कई मंत्रियों की मौत का दावा किया गया है. इजराइल ने केवल सैन्य ठिकाने पर हमले की पुष्टि की, पर नाम नहीं लिया.

Israeli airstrike: यमन की राजधानी सना में हुए एक इजराइली हवाई हमले के बाद हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उनकी सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी मारे गए हैं. यह घटना उस समय हुई जब वह अपने मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों के साथ एक सरकारी बैठक में शामिल थे. हौथियों के अनुसार, यह हमला गुरुवार को हुआ था और इसमें कई मंत्री भी हताहत हुए.
हुतियों का बयान
हूती विद्रोही प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री अहमद गालेब नासिर अल-रहावी इजराइली हमले का शिकार हो गए. बयान में यह भी जोड़ा गया कि इजराइल ने न केवल प्रधानमंत्री बल्कि उनके कई करीबी सहयोगियों को भी निशाना बनाया. हुतियों ने इस घटना को शहादत करार दिया और इसे क्षेत्रीय राजनीति पर गहरा प्रभाव डालने वाला बताया.
अगस्त 2024 से प्रधानमंत्री पद पर थे अल-रहावी
अहमद अल-रहावी अगस्त 2024 से हूती नेतृत्व वाली सरकार में प्रधानमंत्री की भूमिका निभा रहे थे. सना पर नियंत्रण रखने वाले हौथियों ने उन्हें सरकार की रणनीतिक योजनाओं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के समन्वय की जिम्मेदारी दी थी. उनकी मृत्यु को हूती प्रशासन ने यमन के लिए बड़ी क्षति बताया है.
इजराइली सेना की पुष्टि
इजरायल ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उसने सना क्षेत्र में हूती आतंकवादी शासन के सैन्य ठिकाने पर सटीक हमला किया. हालांकि, इजराइल की ओर से किसी विशेष नाम या पदाधिकारी का उल्लेख नहीं किया गया. इजराइली सेना का कहना है कि यह कार्रवाई हूती ठिकानों को कमजोर करने और भविष्य के हमलों की क्षमता घटाने के लिए की गई.
हमले का समय
जानकारी के अनुसार, यह हमला सना के एक सरकारी परिसर में हुआ जहां हूती प्रशासन की एक हाईलेवल मीटिंग आयोजित की गई थी. इस दौरान प्रधानमंत्री अल-रहावी अपने मंत्रिमंडल के साथ विभिन्न विकास और प्रशासनिक योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. अचानक हुए हवाई हमले में कई भवन क्षतिग्रस्त हो गए और वहां मौजूद सरकारी अधिकारियों की मौत हो गई.
यमन में 2014 से गृहयुद्ध की स्थिति
यमन में 2014 से गृहयुद्ध की स्थिति बनी हुई है. हूती विद्रोही राजधानी सना सहित देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार दक्षिणी हिस्सों से काम कर रही है. इस संघर्ष में सऊदी अरब और ईरान जैसे क्षेत्रीय देशों की भागीदारी ने हालात को और जटिल बना दिया है. अब इजराइल के सीधे हमले के दावे ने इस संकट को नए मोड़ पर ला दिया है.
क्षेत्रीय राजनीति पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यमन में इजराइल का यह सीधा हमला मध्य पूर्व की पहले से अस्थिर स्थिति को और गंभीर बना सकता है. हौथियों और इजराइल के बीच तनाव पहले भी देखा गया था, लेकिन किसी उच्च पदस्थ हूती नेता के मारे जाने का यह पहला दावा है. इससे न केवल यमन का संघर्ष और भड़क सकता है बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों पर भी असर पड़ेगा.


