गाजा में खाना लेने पहुंचे 36 फिलिस्तीनियों को इजरायली सेना ने गोलियों से भूना, बेइत हनून भी खंडहर में तब्दील
गाजा में GHF सहायता केंद्र के पास भोजन की तलाश में जुटे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना की गोलीबारी में 36 लोगों की मौत हो गई. वहीं, इससे पहले 700 साल पुराने ऐतिहासिक बेइत हनून शहर को इजरायली हमले में पूरी तरह तबाह कर दिया गया, जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग तेज हो गई है.

गाजा में मानवीय संकट एक बार फिर गहरा गया है, जहां भोजन के लिए कतार में लगे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना ने गोलियां चला दीं. चश्मदीदों और अस्पताल अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार को ये दिल दहला देने वाली घटना गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के खाद्य वितरण केंद्रों के पास घटी, जिसमें कम से कम 36 लोगों की जान चली गई.
घटना ऐसे समय पर हुई जब हजारों भूखे नागरिक भोजन की तलाश में GHF केंद्रों की ओर बढ़ रहे थे. ये केंद्र अमेरिका और इजरायल समर्थित पहल के तहत पारंपरिक संयुक्त राष्ट्र (UN) राहत प्रणाली की जगह बनाए गए हैं. हालांकि, जहां GHF लाखों भोजन वितरण का दावा कर रहा है, वहीं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन केंद्रों तक पहुंचने की कोशिश में अब तक सैकड़ों जानें जा चुकी हैं.
इजरायली सेना के दावे बनाम चश्मदीदों की गवाही
ये मुठभेड़ दक्षिणी गाजा के राफा शहर के पास हुई, जब स्थानीय लोग GHF केंद्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. इजरायली सेना ने सफाई दी कि उन्होंने केवल चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाईं, जब भीड़ बहुत करीब आ गई थी. सेना का कहना है कि गोलीबारी उस वक्त हुई जब केंद्र बंद था और कुछ संदिग्धों ने सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी की.
हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इससे बिल्कुल उलट हैं. खान यूनिस के पास तेइना क्षेत्र के निवासी महमूद मोकीमार ने बताया कि कब्जाधारियों ने हम पर बिना किसी चेतावनी के अंधाधुंध गोलियां चलाईं. उन्होंने कई लाशें जमीन पर पड़ी देखीं और बताया कि लोगों में भगदड़ मच गई. वहीं, एक और गवाह अकरम अकर ने बताया कि उन्होंने हमें चारों ओर से घेर लिया और टैंकों व ड्रोन्स से सीधे फायर किया. इस हमले में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए.
सहायता केंद्रों पर मची अफरातफरी
सबसे ज्यादा मौतें तड़के सुबह हुईं, जब सैकड़ों लोग GHF के वितरण केंद्रों के पास जुटे थे. GHF ने पहले ही आगाह किया था कि सुबह 6 बजे से पहले उनके केंद्रों के पास ना जाएं क्योंकि उस समय सैन्य गतिविधियां जारी रहती हैं. लेकिन गोलीबारी ठीक इसी समय के आसपास हुई, जिससे वहां अफरातफरी और दहशत फैल गई. GHF प्रतिनिधियों ने घटना से इनकार करते हुए कहा कि उनके केंद्रों पर कुछ नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने दोहराया कि लोगों को देर रात और सुबह केंद्रों के पास ना आने की चेतावनी दी गई थी.
700 साल पुराना बेइत हनून अब खंडहर
इस त्रासदी से पहले भी गाजा में एक और बड़ा नुकसान हुआ, जब इजरायली वायुसेना ने ऐतिहासिक बेइत हनून शहर पर हमला किया. इस हमले में 700 सालों पुरानी ऐतिहासिक संरचनाएं मलबे में तब्दील हो गईं. कभी गाजा की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक रहा यह शहर अब इतिहास बन गया है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और यूनेस्को जैसी संस्थाओं ने इस सांस्कृतिक विनाश की कड़ी निंदा की है और इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है.


