न्यू ईयर की पूर्व संध्या पर भूकंप के तेज झटकों से हिली जापान की धरती, 6 रही तीव्रता
न्यू ईयर की पूर्व संध्या पर जापान के नोदा शहर के पास 6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार इसका केंद्र नोदा से लगभग 91 किलोमीटर दूर और 19.3 किलोमीटर गहराई में था.

नई दिल्ली : नए साल की पूर्व संध्या पर जापान एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिल उठा. बुधवार, 31 दिसंबर को जापान के नोदा शहर के पास 6 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र नोदा शहर से लगभग 91 किलोमीटर पूर्व में स्थित था और इसकी गहराई करीब 19.3 किलोमीटर मापी गई. भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद लोगों में कुछ समय के लिए दहशत का माहौल रहा, हालांकि राहत की बात यह रही कि तत्काल किसी जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई.
भूकंप का केंद्र और शुरुआती स्थिति
तिब्बत में भी आया भूकंप
इसी दिन, यानी नए साल की पूर्व संध्या पर ही एशिया के एक अन्य हिस्से में भी धरती हिली. भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, तिब्बत में दोपहर करीब 3:26 बजे भारतीय समयानुसार 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इस भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर बताई गई. यह झटका अपेक्षाकृत हल्का था और इससे भी किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली.
हाल के हफ्तों में लगातार झटके
जापान में आया यह ताजा भूकंप ऐसे समय में दर्ज किया गया है, जब देश कुछ ही हफ्तों पहले एक और शक्तिशाली भूकंप का सामना कर चुका है. 12 दिसंबर को जापान में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र होंशू द्वीप के इवाते प्रांत में कुजी शहर से करीब 130 किलोमीटर दूर था. उस भूकंप के बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी भी जारी की थी.
8 दिसंबर को भी आई थी भूकंप
इसके अलावा, 8 दिसंबर को जापान में 7.5 तीव्रता का और भी अधिक शक्तिशाली भूकंप आया था. इस भूकंप के चलते प्रशांत तटवर्ती इलाकों में करीब 50 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहरें दर्ज की गई थीं. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, यह सुनामी होक्काइडो प्रांत के उराकावा कस्बे और आओमोरी प्रांत के मुत्सु ओगावारा बंदरगाह तक पहुंची थी. इन घटनाओं में कई लोगों के घायल होने की भी खबरें आई थीं.
जापान में भूकंप क्यों आते हैं इतनी बार?
जापान दुनिया के सबसे अधिक भूकंप प्रभावित देशों में गिना जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण इसका भौगोलिक स्थान है. जापान प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में स्थित है, जहां चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटें आपस में मिलती हैं. इन प्लेटों की लगातार गतिविधियों के कारण यहां बार-बार भूकंप आते रहते हैं.
हर साल औसतन 1,500 भूकंप दर्ज किए जाते हैं
करीब 12.5 करोड़ की आबादी वाले इस देश में हर साल औसतन 1,500 भूकंप दर्ज किए जाते हैं. इनमें से ज्यादातर हल्के होते हैं, लेकिन कभी-कभी उनकी तीव्रता और गहराई के कारण बड़ा नुकसान भी हो सकता है. यही वजह है कि जापान में भूकंप-रोधी इमारतें, सख्त निर्माण नियम और आपदा प्रबंधन की मजबूत व्यवस्था विकसित की गई है.
सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव
नए साल की शुरुआत से ठीक पहले आए इस भूकंप ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि जापान को हमेशा प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार रहना पड़ता है. फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर न होना राहत की बात है, लेकिन लगातार आ रहे झटके प्रशासन और आम लोगों दोनों के लिए सतर्क रहने का संकेत हैं.


