साल 2025 में 5 % गिरा रुपया...अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्रा बना
साल 2025 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 5 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे यह एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया. साल के अंत में रुपया 89.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

नई दिल्ली : साल 2025 में भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की, जिससे यह एशिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में शामिल हो गया. वर्ष के अंत पर 31 दिसंबर, 2025 को रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 89.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. महीने के अंतिम दिनों में डॉलर की मांग में बढ़ोतरी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की डॉलर खरीदारी ने रुपये पर दबाव बढ़ा दिया.
2025 में कुल 4.95 प्रतिशत की गिरावट देखी गई
रुपया पर दिखा ट्रंप प्रशासन का प्रभाव
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से रुपया एशियाई क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया. 2025 में यह पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा टूट गया. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार निकासी, निवेशकों द्वारा हिस्सेदारी बेचना, रक्षा, तेल और सोने की बढ़ती मांग ने भी रुपये को कमजोर किया.
निचले स्तर 91.08 तक गिर था
इस साल रुपया अपने ऑल टाइम निचले स्तर 91.08 तक गिर गया था. हालांकि बाद में इसमें थोड़ी सुधार देखने को मिला. इसी बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.33 पर रहा.
शेयर बाजार और क्रूड तेल का प्रदर्शन
वहीं, घरेलू शेयर बाजार में इस दौरान बड़ी बढ़त देखी गई. अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड में हल्की गिरावट दर्ज की गई और यह 0.13 प्रतिशत घटकर 61.41 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. इस तरह 2025 में विदेशी पूंजी की निकासी और बढ़ती डॉलर मांग ने रुपये को कमजोर किया, जबकि डॉलर इंडेक्स और क्रूड कीमतों में हल्के उतार-चढ़ाव ने मुद्रा और बाजार को प्रभावित किया.
रुपया की यह स्थिति निवेशकों और अर्थशास्त्रियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, और आने वाले समय में विदेशी निवेश की गतिविधियों, डॉलर की वैश्विक मजबूती और घरेलू आर्थिक नीतियों का इसके प्रदर्शन पर बड़ा असर पड़ सकता है.


