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Jinnah Speech: 1947 के बंटवारे के बाद, जिन्ना ने हिंदुओं के बारे में क्या कहा?

भारत-पाकिस्तान के बंटवारा का दर्द आज भी लाखों लोगों के दिलों में कही ना कही जिंदा है. उस दौर के पलायन और दंगों ने अनगिनत परिवारों को उजाड़ दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान की नींव रखते वक्त मोहम्मद अली जिन्ना ने हिंदुओं के बारे में क्या कहा था?

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Mohammed Ali Jinnah Speech: 15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता का अमूल्य पर्व मनाया, लेकिन इसके ठीक एक दिन पहले 14 अगस्त को एक नया राष्ट्र अस्तित्व में आया पाकिस्तान. यह वह क्षण था जब उपमहाद्वीप की राजनीतिक सीमाएं बदल गईं और एक नए इतिहास की शुरुआत हुई. परंतु, इस आजादी के साथ-साथ बंटवारे का दर्द और सांप्रदायिक तनाव भी साथ आया, जिसने लाखों जिंदगियों को प्रभावित किया.

पाकिस्तान के जन्म के साथ कराची से लेकर लाहौर तक उत्सव की लहर दौड़ पड़ी. मस्जिदों में विशेष नमाज, सड़कों पर लहराते मुस्लिम लीग के झंडे और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों ने माहौल को जोश से भर दिया. वहीं, पाकिस्तान के पहले गवर्नर-जनरल बने मोहम्मद अली जिन्ना ने देश के भविष्य की दिशा तय करने वाले अपने ऐतिहासिक विचार प्रस्तुत किए.

पाकिस्तान में जश्न का माहौल

14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान के बड़े शहरों कराची और लाहौर में आजादी का उत्सव चरम पर था. गलियां रोशनी से जगमगा रही थीं, लोग सड़कों पर उमड़े थे और हर ओर राष्ट्रीय जोश का माहौल था. मुस्लिम लीग के झंडे हवा में लहरा रहे थे, जबकि मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की जा रही थी. पाकिस्तान जिंदाबाद के  नारे उस ऐतिहासिक पल के गवाह बने.

पहले गवर्नर-जनरल

कराची, जो उस समय पाकिस्तान की राजधानी थी, में भव्य समारोह का आयोजन हुआ. मोहम्मद अली जिन्ना ने देश के प्रथम गवर्नर-जनरल के रूप में शपथ लिया. समारोह के दौरान कायदे-आजम जिंदाबाद, 'इस्लाम जिंदाबाद' और 'मुस्लिम लीग जिंदाबाद' के नारे गूंजते रहे.

जिन्ना का भाषण

11 अगस्त 1947 को, आजादी से ठीक पहले, कराची में पाकिस्तान की संविधान सभा में मोहम्मद अली जिन्ना ने दिया ऐतिहासिक भाषण. उन्होंने कहा कि नए राष्ट्र में हर व्यक्ति को धर्म, जाति और नस्ल से ऊपर उठकर केवल एक नागरिक के रूप में देखा जाएगा.

धार्मिक स्वतंत्रता पर जोर

अपने भाषण में जिन्ना ने स्पष्ट किया पाकिस्तान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने की पूरी आजादी होगी. कोई चाहे तो मस्जिद में नमाज पढ़े, मंदिर में पूजा करे या किसी भी धार्मिक स्थल पर जाए, उसे रोका नहीं जाएगा.

हिंदुओं के लिए बयान

जिन्ना ने पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा का भी आश्वासन दिया. उन्होंने कहा पाकिस्तान में हिंदुओं को किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा. आने वाले समय में मुसलमान और हिंदू, धर्म से पहले एक देश के नागरिक के रूप में पहचाने जाएंगे.

सपनों और सच्चाई के बीच की खाई

हालांकि, जिन्ना का यह आदर्शवादी दृष्टिकोण बंटवारे की त्रासदी के बीच फीका पड़ गया. सांप्रदायिक दंगों, हिंसा और लाखों लोगों के पलायन ने उस एकता को वास्तविकता में बदलने से पहले ही कमजोर कर दिया.

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12 August 2025, 05:17 PM IST

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