कनाडा में खालिस्तानी उग्रवादियों ने दो सिनेमाघरों को बनाया निशाना, भारत ने उठाई सुरक्षा और रिश्तों की चिंता
कनाडा में खालिस्तानी उग्रवादियों ने एक हफ्ते में दो सिनेमाघरों को निशाना बनाया। आगज़नी और फायरिंग की घटनाओं ने भारत और कनाडा के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी कर दी।

International News: कनाडा में खालिस्तानी उग्रवादियों ने भारतीय फिल्मों पर बड़ा हमला किया है। एक ही हफ्ते में दो बार सिनेमाघरों को निशाना बनाया गया। 25 सितंबर को पहली घटना हुई जब दो नकाबपोश लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। शुक्र है कि आग बाहर ही काबू कर ली गई और बड़ा हादसा टल गया। लेकिन इसने वहां डर का माहौल बना दिया। इसके बाद 2 अक्टूबर को उसी थियेटर पर दोबारा हमला हुआ। इस बार हमलावरों ने गोलियां चलाकर दहशत फैलाने की कोशिश की।
सिनेमाघर बंद करने पड़े शो
दोनों घटनाओं के बाद थियेटर मालिकों ने तुरंत हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन रोक दिया। उन्हें डर था कि अगर शो जारी रखे गए तो उग्रवादी और हिंसक हमले कर सकते हैं। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि पहले हमले में दो नकाबपोश काले कपड़े पहने युवक लाल कैन से तरल छिड़क रहे थे। जबकि दूसरी बार पुलिस ने बताया कि संदिग्ध लंबा, मजबूत और पूरी तरह काले कपड़े व मास्क में था। पुलिस ने दोनों घटनाओं को टारगेटेड अटैक माना है।
सिख फॉर जस्टिस का बयान
‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने खुलकर भारतीय फिल्मों पर पाबंदी की मांग की है। संगठन ने बयान जारी कर कहा कि कनाडा की सरकार को सभी "मेड इन इंडिया" फिल्मों पर रोक लगानी चाहिए। एसएफजे प्रमुख पन्नू ने यहां तक कहा कि "मेक इन इंडिया" अब सिर्फ सांस्कृतिक पहचान नहीं बल्कि राजनीतिक हथियार है। उनका आरोप है कि हर भारतीय फिल्म हिंदुत्व की विचारधारा फैलाने का साधन बन गई है।
पन्नू का भारत विरोधी जहर
एसएफजे प्रमुख पन्नू ने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि भारतीय फिल्मों और प्रोडक्ट्स को कनाडा में जगह देना, खालिस्तानी सिखों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देना है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत की चीज़ें कनाडा में बिकीं तो यह वहां की आज़ादी और चार्टर ऑफ राइट्स का अपमान होगा। पन्नू ने कनाडाई सरकार से मांग की कि तुरंत इस पर रोक लगाए।
भारत में गहराई चिंता
भारत ने इन घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि सुरक्षा सहयोग भारत-कनाडा रिश्तों का अहम हिस्सा है। दोनों देशों के बीच हाल ही में एनएसए स्तर की बैठक भी हुई थी। इसमें आतंकवाद और संगठित अपराध पर चर्चा हुई थी। भारत ने कहा कि सभी देशों को मिलकर ऐसे खतरों से लड़ना चाहिए।
बिश्नोई गैंग पर कार्रवाई
इधर कनाडा सरकार ने हाल ही में बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित किया है। पुलिस का कहना है कि बिश्नोई और खालिस्तानी गुट दोनों देश में शांति भंग कर रहे हैं। कनाडाई पुलिस इन पर शिकंजा कस रही है। लेकिन बार-बार हो रहे हमलों से साफ है कि इन संगठनों का असर अभी भी गहरा है।
भारत-कनाडा रिश्तों पर असर
भारत और कनाडा के बीच रिश्ते पहले ही खटास से गुज़र रहे हैं। ऐसे में खालिस्तानी हमलों ने दोनों देशों के बीच भरोसे की दीवार और कमजोर कर दी है। भारत की चिंता यह है कि अगर कनाडा ने सख्ती नहीं दिखाई तो उग्रवादी और हिम्मत पकड़ेंगे। यह मामला अब केवल फिल्मों का नहीं, बल्कि दोनों देशों की सुरक्षा और राजनीतिक संबंधों का बन गया है।


