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मरने के बाद सीधे जन्नत...मसूद अजहर का ऑडियो वायरल, बनाई महिला आतंकी ब्रिगेड, हिंदू महिलाओं के खिलाफ उगला जहर

पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर का 21 मिनट का नया ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें उसने “जमात-उल-मोमिनात” नामक महिला आतंकी ब्रिगेड की घोषणा की है. वह महिलाओं को जिहाद में शामिल होकर “जन्नत” का वादा कर रहा है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर एक बार फिर सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर उसका 21 मिनट का नया ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह महिलाओं के लिए एक नए आतंकी संगठन “जमात-उल-मोमिनात” की घोषणा करता सुनाई दे रहा है. इस महिला विंग को जैश का “महिला जिहाद ब्रिगेड” बताया जा रहा है. ऑडियो बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली का बताया जा रहा है.

“जन्नत भेजने” का झूठा वादा और कट्टरपंथी एजेंडा

इस ऑडियो में मसूद अजहर महिलाओं से कहता है कि अगर वे इस ब्रिगेड का हिस्सा बनती हैं, तो “मरने के बाद सीधे जन्नत जाएंगी.” वह इस संगठन को महिला सशक्तिकरण की आड़ में आतंकवाद फैलाने का जरिया बता रहा है. अजहर कहता है कि यह ब्रिगेड सेना, मीडिया और प्रशासन में सक्रिय महिलाओं के खिलाफ “जवाबी हथियार” के रूप में काम करेगी. इस भाषण के जरिए वह महिलाओं को धार्मिक भावनाओं और जिहाद के नाम पर भड़काने की कोशिश कर रहा है, ताकि उन्हें आतंक के नेटवर्क में शामिल किया जा सके.

हिंदू महिलाओं के खिलाफ जहरीला एजेंडा
ऑडियो में मसूद अजहर ने विशेष रूप से भारतीय सेना में कार्यरत हिंदू महिलाओं और महिला पत्रकारों को निशाना बनाया है. उसने दावा किया कि “हमारी दुश्मन हिंदू महिलाएं अब हमारे खिलाफ काम कर रही हैं, इसलिए हमें भी अपनी महिलाओं को जिहाद के लिए तैयार करना होगा.”


विधवाओं और गरीब महिलाओं को निशाना
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस महिला ब्रिगेड में भर्ती के लिए जैश ने मारे गए आतंकियों की पत्नियों, गरीब तबकों की महिलाओं, और कट्टर धार्मिक संस्थानों से जुड़ी महिलाओं को टारगेट बनाया है. इन महिलाओं को “धर्म की रक्षा” के नाम पर बरगलाया जा रहा है. वास्तव में यह जैश का नया नेटवर्क बनाने की चाल है, ताकि भारत और अफगानिस्तान दोनों में उसकी पकड़ फिर से मजबूत की जा सके.

पुरुष आतंकियों जैसी ट्रेनिंग और वैचारिक ब्रेनवॉशिंग
मसूद अजहर ने कहा कि इन महिला रंगरूटों को पुरुष आतंकियों जैसी ट्रेनिंग दी जाएगी. पहले उन्हें 15 दिन के “दौरा-ए-तस्किया” (मानसिक शुद्धिकरण) में भेजा जाएगा, उसके बाद “दौरा-आयत-उल-निशा” (धार्मिक शिक्षा) दी जाएगी. इसके साथ ही उन्हें उसका पर्चा “ऐ मुसलमान बहना” पढ़ने को कहा गया है, जिसमें जैश की हिंसक विचारधारा और धार्मिक कट्टरता का ज़हर फैला हुआ है.

चीनी ऐप ‘Zoom’ का इस्तेमाल 
दिलचस्प बात यह है कि जैश द्वारा जारी पोस्टर में इस महिला जिहाद ब्रिगेड की ऑनलाइन मीटिंग्स के लिए चीनी ऐप “Zoom” का उल्लेख किया गया है. यह दिखाता है कि जैश अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है. मसूद अजहर ने अपने ऑडियो में कहा कि महिलाओं को केवल महिला सदस्यों से ही संपर्क की अनुमति होगी और किसी अनजान पुरुष से मोबाइल या मैसेजिंग ऐप पर बात करना “हराम” होगा.

आतंक के नए चेहरे की भयावह साजिश
जैश-ए-मोहम्मद का यह नया कदम महिलाओं को “जिहाद” के नाम पर गुमराह करने की रणनीति है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह संगठन अपने घटते प्रभाव को फिर से बढ़ाने की कोशिश में है. भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस महिला आतंकी विंग को लेकर सतर्क हो गई हैं. मसूद अजहर का यह ऑडियो पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के बदलते तौर-तरीकों की खतरनाक दिशा को उजागर करता है.

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29 October 2025, 07:22 PM IST

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