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मौलवी ने मेरी पैंट उतारी और...पाक मदरसों में बच्चों से यौन शोषण, रिपोर्ट में खुलासा

पाकिस्तान की एक और भयावह सच्चाई दुनिया के सामने आई है. फ्रांसीसी मीडिया संस्थान फ्रांस-24 ने वहां के मदरसों में हो रही काली करतूतों को उजागर किया है, जो इस्लामिक शिक्षा की आड़ में बच्चों के साथ यौन शोषण कर रहे हैं. हालांकि, जफर के पैर झुलस गए और घर का सारा सामान जलकर राख हो गया.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

पाकिस्तान के मदरसों की भयावह सच्चाई एक बार फिर दुनिया के सामने आई है. फ्रांसीसी मीडिया संस्थान फ्रांस-24 की रिपोर्ट ने उन दरिंदों की करतूतों को उजागर किया है, जो इस्लामिक शिक्षा की आड़ में बच्चों के साथ यौन शोषण कर रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले नाबालिग बच्चे क्रूरता और यौन हिंसा का शिकार बन रहे हैं. कई पीड़ित बच्चों ने कैमरे पर आकर अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए हैं, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और पाकिस्तान सरकार की उदासीनता सामने आई है.

इन मदरसों में शिक्षा नहीं, ज़ुल्म मिलता है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि देशभर के हज़ारों मदरसों में मौलवी बच्चों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं और यह अमानवीय व्यवहार अब वहां की सांस्कृतिक व्यवस्था का हिस्सा बन चुका है.

मदरसों में पढ़ते हैं लाखों गरीब बच्चे

पाकिस्तान में लगभग 36,000 से अधिक रजिस्टर्ड और गैर-रजिस्टर्ड मदरसे मौजूद हैं. इन संस्थानों में करीब 22 लाख बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं. इन मदरसों में रहने-खाने की सुविधा दी जाती है, लेकिन असल में ये संस्थान बच्चों के लिए नर्क से भी बदतर साबित हो रहे हैं.

मौलवी ने किया बलात्कार

फ्रांस-24 ने कई पीड़ित बच्चों के इंटरव्यू लिए. एक 14 वर्षीय बच्चे ने बताया कि कैसे उसके मौलवी ने उसके साथ बलात्कार किया. उसने कहा, “गांव के सभी लड़के मदरसे में बलात्कार की बात करते थे... लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा हो सकता है.”

एक अन्य नाबालिग ने बताया कि उसके स्कूल के हेडमास्टर उसे घर की सफाई के बहाने अपने घर ले गए. जैसे ही वे कमरे में पहुंचे, शिक्षक ने दरवाजा बंद कर दिया, जबरन उसकी पैंट उतारी और उसके साथ मारपीट और यौन शोषण किया. “उसने मेरे साथ जबरदस्ती की, मेरे साथ भयानक हरकतें की. मैं लगातार रोता जा रहा था.”

2017 की रिपोर्ट में भी सामने आई थी यही सच्चाई

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी मदरसों में यौन शोषण का मामला सामने आया है. 2017 में एसोसिएटेड प्रेस की एक बड़ी जांच में भी यह उजागर हुआ था कि कैसे मौलवी और मदरसों में काम करने वाले अन्य लोग बच्चों के साथ दरिंदगी कर रहे हैं. उस रिपोर्ट में पुलिस, पीड़ितों और उनके परिवारों के बयान शामिल थे.

सरकार की चुप्पी और कार्रवाई की कमी

पाकिस्तान सरकार की चुप्पी और पुलिस की निष्क्रियता इस पूरे मामले को और अधिक भयावह बनाती है. ज्यादातर मामले कभी दर्ज ही नहीं होते और कई बार पीड़ितों पर ही दबाव बनाकर उन्हें चुप करा दिया जाता है. 2023 में पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में एक गैर-पंजीकृत मदरसे जामिया अल-मुस्तफा में दो मौलवियों को यौन शोषण और शारीरिक उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं लाहौर के एक कॉलेज परिसर में बलात्कार की घटना के बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.

मौलवियों को मिला हुआ है राजनीतिक संरक्षण?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मदरसों के छात्रों को देश की रक्षा की “दूसरी पंक्ति” करार दिया था. इससे यह संकेत मिलता है कि मौलवियों और मदरसों को एक तरह से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई लगभग नामुमकिन हो गई है.

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07 June 2025, 05:07 PM IST

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