नेतन्याहू बने डोनाल्ड ट्रंप के सबसे करीबी सहयोगी, रिश्ते और मजबूत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की दोस्ती एक बार फिर दुनिया के सामने आई है. इजराइली राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में व्हाइट हाउस जाने वाले पहले नेता बनने जा रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की दोस्ती एक बार फिर दुनिया के सामने आई है. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, नेतन्याहू व्हाइट हाउस जाने वाले पहले विदेशी नेता होंगे. खबरों के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने 4 फरवरी को बेंजामिन नेतन्याहू को व्हाइट हाउस बुलाया है, और इस बात की पुष्टि व्हाइट हाउस और नेतन्याहू के ऑफिस ने की है.
यह मुलाकात खास है, क्योंकि गाजा में 15 महीने तक चले विनाशकारी युद्ध के बाद, युद्ध विराम के दूसरे चरण की बातचीत शुरू होनी है. डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने के बाद से इस युद्ध विराम का श्रेय ले रहे हैं. वहीं, नेतन्याहू की सरकार को स्थायी युद्धविराम न करने के लिए इजराइल के दक्षिणपंथी नेता दबाव बना रहे हैं. ऐसे में यह मुलाकात सीजफायर (युद्ध विराम) के दूसरे दौर की वार्ता पर असर डालेगी.
व्हाइट हाउस से इजराइल को अपार समर्थन मिलने के संकेत
व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि ट्रंप इजराइल और उसके पड़ोसियों के बीच शांति स्थापित करने और साझा विरोधियों से निपटने के लिए कदम उठाने पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं. यह मुलाकात नेतन्याहू के लिए एक बड़ा मौका है, क्योंकि वह इजराइल की राजनीति में दबाव का सामना कर रहे हैं. नेतन्याहू इस मुलाकात के जरिए अमेरिका से और समर्थन हासिल कर सकते हैं और यह साबित कर सकते हैं कि उनके ट्रंप से अच्छे रिश्ते हैं.
सैन्य सहायता की मांग
इजराइल को अमेरिका से सबसे ज्यादा मदद मिलती है, जिसमें हथियार, पैसे और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन शामिल है. नेतन्याहू इस यात्रा के दौरान ट्रंप से इजराइल के लिए और ज्यादा मदद की मांग कर सकते हैं.
गाजा युद्ध फिर से शुरू होने की संभावना
हमास ने वार्ता के दौरान गाजा से इजराइल की पूरी वापसी और स्थायी युद्धविराम की शर्त रखी है. नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हमास युद्ध विराम के दूसरे चरण में उनकी शर्तों को मानने से मना करता है, तो वह युद्ध को फिर से शुरू कर सकते हैं.


