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प्रयागराज में जहां आधी रात को मची भगदड़, वो जगह क्यों है खास? यहां स्नान करने का क्या है महत्व

मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान के लिए उमड़ पड़े. इसी दौरान आधी रात को संगम नोज पर भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए. लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों इस जगह पर ही सभी लोग नहाने गए जिसकी वजह से भगदड़ मच गई? तो चलिए इस जगह का महत्व जानते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में अमृत स्नान के लिए उमड़ पड़े. इसी दौरान संगम नोज पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CM योगी को फोन कर स्थिति का जायजा लिया.  

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर संगम नोज इतना खास क्यों है? क्यों लाखों श्रद्धालु इस स्थान पर ही स्नान करने के लिए आतुर रहते हैं? आइए जानते हैं इस पवित्र स्थान के महत्व और भगदड़ के पीछे की वजह को.  

आधी रात को क्यों मची भगदड़

मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे. आधी रात के बाद से ही संगम नोज पर भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी. सुबह करीब 2 बजे हालात बेकाबू हो गए और बैरिकेडिंग टूटने से भगदड़ मच गई. श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया.  

लोगों के सांस लेने में दिक्कत होने लगी, महिलाएं और बुजुर्ग चोटिल हो गए. घायलों को तुरंत मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालात को संभालने के लिए भारी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे.  

संगम नोज क्यों है इतनी खास 

जिस जगह पर भगदड़ मची, उसे "संगम नोज" कहा जाता है. यह वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम होता है. हिंदू धर्म में इस संगम स्थल को अत्यंत पवित्र माना जाता है और मान्यता है कि यहां स्नान करने से जन्मों के पाप कट जाते हैं. श्रद्धालुओं की आस्था इतनी गहरी है कि वे संगम नोज पर ही अमृत स्नान करना चाहते हैं, जिससे उनकी आत्मा शुद्ध हो सके. यही कारण है कि हर महाकुंभ में इस स्थान पर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा उमड़ती है.  

144 साल बाद बना दुर्लभ त्रिवेणी योग  

इस वर्ष 144 साल बाद "त्रिवेणी योग" बन रहा है, जिसने मौनी अमावस्या के स्नान को और अधिक पवित्र बना दिया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस योग में संगम में स्नान करने से जीवन में अद्भुत आध्यात्मिक और भौतिक लाभ मिलते हैं. इसी वजह से बुधवार सुबह 8 बजे तक 3 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे. वहीं, इससे पहले मंगलवार रात 8 बजे तक 4.83 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे.  

पीएम मोदी और सीएम योगी की नजरें हालात पर  

महाकुंभ में भगदड़ की खबर मिलते ही लखनऊ से दिल्ली तक हड़कंप मच गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा कर स्थिति का जायजा लिया. सीएम योगी खुद सुबह 4 बजे से लगातार अधिकारियों के संपर्क में रहे और राहत कार्यों पर नजर बनाए रखी. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम नोज की ओर जाने की होड़ न करें और अपने नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें.  

श्रद्धालुओं से प्रशासन की अपील  

सीएम योगी ने कहा, "सभी श्रद्धालु प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग दें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें." प्रशासन द्वारा लगातार अपील की जा रही है कि लोग भीड़भाड़ से बचें और सुरक्षित स्थानों पर ही स्नान करें.  

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29 January 2025, 11:39 AM IST

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