PM मोदी से मुलाकात में उठा निज्जर मामला, कार्नी बोले- सावधानी जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे मापदंड की आलोचना करते हुए कहा कि जहां एक ओर देशों पर मनमाने प्रतिबंध लगाए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को पुरस्कृत किया जाता है. उन्होंने वैश्विक स्तर पर निष्पक्षता और स्पष्ट नीति की आवश्यकता पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंचे, जहां उनकी कई वैश्विक नेताओं से बातचीत हुई. लेकिन सबसे अहम मुलाकात कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से रही, जिनके साथ भारत के रिश्ते हाल के वर्षों में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.
बैठक के दौरान निज्जर से जुड़े सवाल पर कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी ने कोई सीधी टिप्पणी करने से परहेज़ किया और कहा कि, “हमने कानून प्रवर्तन के महत्व और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने पर चर्चा की है. फिलहाल एक न्यायिक प्रक्रिया चल रही है, इसलिए आगे कुछ कहने में सावधानी बरतनी होगी.”
निज्जर मामले पर सावधानी बरतते कार्नी
हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को कनाडा के सरे शहर के एक गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के संबंध बुरी तरह बिगड़ गए. भारत ने अपने उच्चायुक्त समेत छह राजनयिकों को वापस बुला लिया और कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया गया.
आतंकवाद पर पीएम मोदी का दो टूक बयान
पीएम मोदी ने जी-7 सम्मेलन में आतंकवाद पर बेहद सख्त रुख अपनाया. उन्होंने कहा, “आतंकवाद पर दोहरा मापदंड बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ हमला केवल एक जगह नहीं, बल्कि हर भारतीय की आत्मा और सम्मान पर हमला था.” उन्होंने चेताया कि “जो देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी.” प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया और कहा कि यह उन देशों के भी खिलाफ है जो लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते हैं. उन्होंने वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए स्पष्ट विचार और नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया.
ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनकर उभरा भारत
पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश हमेशा संकटों से सबसे पहले प्रभावित होते हैं – चाहे वह खाद्य, ईंधन, उर्वरक या वित्त संकट हो. उन्होंने कहा कि भारत की जिम्मेदारी है कि वह इन देशों की प्राथमिकताओं को वैश्विक मंच पर उठाए.
ईरान पर भी आया ज़िक्र
कनाडाई पीएम कार्नी ने जी-7 की ओर से मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि ईरान क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का स्रोत है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार नहीं रखने दिया जाएगा. यह मुलाकात भारत-कनाडा के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच एक कूटनीतिक अवसर भी रही, जिसमें संयम, संवाद और सख्ती—तीनों का संतुलन देखने को मिला.


